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12 साल की उम्र में ग्रेजुएट हुआ ये भारतीय, 7 साल में ल‍िख डाली थी क‍िताब, फ‍िर प्रोफेसर भी बना

Suborno Isaac Bari: भारतीय मूल के एक अमेरिकी बच्चे ने महज 12 साल की उम्र में ग्रेजुएशन करके इतिहास रच दिया है। बंगाल से ताल्लुक रखने वाले सुबोर्नो इसाक बारी को NYU से फुल स्कॉलरशिप का ऑफर मिला है।
10:01 AM Jun 21, 2024 IST | Sakshi Pandey
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Suborno Isaac Bari: भारतीय मूल के कई लोगों ने दुनिया के अलग-अलग देशों में भारत का नाम रोशन किया है। मगर 12 साल के सुबोर्नो इसाक बारी ने इतिहास रच दिया है। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सुबोर्नो सबसे कम उम्र में ग्रेजुएशन करने वाले शख्स बन गए हैं। सुबोर्नो जल्द ही मैथ्स और फिजिक्स की पढ़ाई के लिए न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय (NYU) में दाखिला लेने वाले हैं।

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26 जून को मिलेगी डिग्री

आमतौर पर बच्चे 18-20 साल की उम्र में ग्रेजुएशन करते हैं। मगर सुबोर्नो इसाक बारी अन्य बच्चों से काफी अलग हैं। उन्होंने महज 12 साल की उम्र में ग्रेजुएशन करके सभी को हैरान कर दिया है। 26 जून को सुबोर्नो मालवर्न हाई स्कूल से डिप्लोमा की डिग्री हासिल करेंगे।

लिटिल आइंस्टीन 'सुबोर्नो'

आपको जानकर हैरानी होगी कि छोटी सी उम्र में सुबोर्नो ने 2 किताबें भी लिखी हैं और वो मुंबई विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी रह चुके हैं। यही वजह है कि सुबोर्नो को कई लोग 'लिटिल आइंस्टीन' भी कहकर बुलाते हैं। सुबोर्नो की उपलब्धियों से प्रभावित होकर न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय ने उन्हें फुल स्कॉलरशिप ऑफर की है। सुबोर्नो अब NYU से आगे की पढ़ाई पूरी करेंगे।

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18 साल में करेंगे डॉक्टरेट

बता दें कि सुबोर्नो ने 11 साल की उम्र में स्कोलास्टिक असेसमेंट टेस्ट पास करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। यही नहीं महज 7 साल की उम्र में उन्होंने पहली किताब 'द लव' लिखी थी। ये किताब आतंकवाद मुक्त दुनिया के बारे में थी, जिसके लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने भी सुबोर्नो की तारीफ की थी। सुबोर्नो ने गेस्ट प्रोफेसर के रूप में मुंबई विश्वविद्यालय में भी बच्चों को पढ़ाया था। सुबोर्नो को 14 साल की उम्र में बैचलर्स और 18 में डॉक्टरेट की डिग्री मिल सकती है।

पिता को कहा 'धन्यवाद'

सुबर्नो ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है। फेसबुक पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि मेरी मां, पिता और भाई के बिना ये मुमकिन नहीं हो पाता। खासकर पिता मेरे लिए कैब ड्राइवर बन गए थे। वो रोज सुबह मुझे मालवर्न हाई स्कूल से 40 मील दूर स्टोनी ब्रुक विश्वविद्यालय छोड़ते थे। फिर वहां से 60 मील का सफर तय करके NYU ले जाते थे और NYU से 20 मील पर स्थित घर लेकर पहुंचते थे। मेरे लिए वो हर रोज 120 मील तक कार ड्राइव करते थे। इतना तो कोई कैब ड्राइवर भी नहीं करता। थैंक्यू पापा।

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