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क्या सुनीता विलियम्स की जान खतरे में है? दावा- सेफ लैंडिंग में एक नहीं 3-3 रिस्क

सुनीता विलियम्स आज 9 महीने बाद अंतरिक्ष से धरती पर वापसी कर रही हैं, लेकिन चर्चा है कि उनके स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग पर खतरा मंडरा सकता है। इसका मतलब यह है कि स्पेसक्राफ्ट की सेफ लैंडिंग में कई खतरे होते हैं। जब तक लैंडिंग नहीं हो जाती, तब तक एस्ट्रोनॉट्स की जान को खतरा ही होता है।
12:51 PM Mar 18, 2025 IST | Khushbu Goyal
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Sunita Williams
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अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 13 दिन बाद आज धरती पर वापसी करेंगे। स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट उन दोनों लेकर धरती की ओर बढ़ रहा है। स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग अमेरिका के फ्लोरिडा में समुद्र के पानी में होगी, लेकिन यह लैंडिंग भी खतरे से कम नहीं है। अंतरिक्ष की दुनिया में नाम कमा चुके स्पेस साइंटिस्ट इस लैंडिंग के रास्ते में आने वाली बाधाओं का जिक्र कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि आखिर ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की सेफ लैंडिंग के रास्ते में क्या बाधाएं आ सकती हैं?

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स्पेसक्राफ्ट ने एंगल बदला तो क्या होगा?

US मिलिट्री के पूर्व स्पेस सिस्टम कमांडर रूडी रिडोल्फ ने डेली मेल को इंटरव्यू में बताया था कि स्पेसक्राफ्ट की सेफ लैंडिंग के लिए एक खतरा स्पेसक्राफ्ट का एंगल बन सकते हैं। इस आधार पर कहा जा रहा है कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की सेफ लैंडिंग में भी यही खतरा है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग होने के बाद अगर धरती के वायुमंडल में एंट्री करते समय स्पेसक्राफ्ट का एंगल बिगड़ गया तो वह आग का गोला बन जाएगा और एस्ट्रोनॉट्स समेत पूरा स्पेसक्राफ्ट जलकर राख हो जाएगा।

क्योंकि धरती की ग्रैविटी में एंट्री करते समय स्पेसक्राफ्ट की 27000 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड कम होने लगेगी, लेकिन इस दौरान अगर स्पेसक्राफ्ट का एंगल जरा-सा भी बिगड़ा तो सब खत्म हो जाएगा। स्पेसक्राफ्ट ने तीखा एंगल लिया तो घर्षण बढ़ेगा। गर्मी पैदा होगी और तापमान 1500 डिग्री तक जाएगा। स्पेसक्राफ्ट पर लगी हीट शील्ड जल सकती है। इससे स्पेसक्राफ्ट जल जाएगा और सभी एस्ट्रोनॉट मारे जाएंगे। इसके विपरीत अगर उथला एंगल लिया तो स्पेस्क्राफ्ट धरती की सतह से टकराकर अनिश्चितकाल के लिए स्पेस में चला जाएगा। किसी ऑर्बिट में फंस गया तो उसे तलाशना और वापस लाना मुश्किल हो जाएगा।

थ्रस्टर फेल हो गए तो क्या होगा?

रूडी रिडोल्फी के अनुसार, स्पेसक्राफ्ट की सेफ लैंडिंग में दूसरा खतरा थ्रस्टर फेल होने का है। इस आधार पर कहा जा रहा है कि सुनीता विलियम्स जिस स्टारलाइन स्पेसक्राफ्ट में अंतरिक्ष में गई थीं, उसके थ्रस्टर्स फेल होने के कारण ही वे अंतरिक्ष में फंस गई थीं। अब जिस ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से वे लौट रही हैं, उसमें 16 ड्रैको थ्रस्टर्स हैं, जो स्पेसक्राफ्ट की स्पीड को कंट्रोल करते हैं और स्पेस के ऑर्बिट में एडजस्ट करते हैं।

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ड्रैको थ्रस्टर्स ही स्पेसक्राफ्ट को डायरेक्शन देते हैं। एक थ्रस्टर 400 न्यूटन फोर्स पैदा करते हैं तो 2400 न्यूटन फोर्स स्पेसक्राफ्ट को धरती तक लेकर जाएगी। इन केस थ्रस्टर्स फेल हो जाएं और काम करना बंद कर दें तो स्पेसक्राफ्ट में पावर सप्लाई और ऑक्सीजन बाधित होगी। थ्रस्टर्स को फिर से स्टार्ट करके एस्ट्रोनॉट धरती पर वापस आ पाएंगे और यह एक प्रकार का रेस्क्यू ऑपरेशन होगा। इस काम के लिए उनके पास कुछ ही घंटे होंगे।

पैराशूट नहीं खुलने पर जान को होगा खतरा

रिपोर्ट के अनुसार, तीसरा खतरा स्पेसक्राफ्ट में लगे 6 पैराशूट का नहीं खुलना है। इस आधार पर कहा जा रहा है कि जब सुनीता विलियम्स को लेकर धरती पर आ रहा ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट जब धरती से 6000 फीट ऊंचाई पर होगा तो उसके 2 ड्रोग पैराशूट खुलेंगे, जो स्पेसक्राफ्ट को स्थिर रखेंगे। इसके बाद धरती से 1800 फीट ऊंचाई पर होगा तो 4 पैराशूट खुलेंगे। अगर यह छहों पैराशूट सही समय नहीं खुले तो स्पलैशडाउन के समय कैप्सूल तेजी से पानी से टकराएगा, जिससे स्पेसक्राफ्ट और एस्ट्रोनॉट्स को खतरा हो सकता है।

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