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पीरियड्स को अंतरिक्ष में कैसे मैनेज करती हैं महिला अंतरिक्ष यात्री? दावा- मिलते हैं 2 ऑप्शन

महिला अंतरिक्ष यात्रियों को कई-कई महीने अंतरिक्ष में जीरो ग्रैविटी में बिताने होते हैं। ऐसे में वे पीरियड्स के दिनों को कैसे मैनेज करती हैं? यह सवाल दुनियाभर की महिलाओं के दिमाग में है और इसका जवाब हम आपको देने की कोशिश कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि उन दिनों में क्या किया जाता है?
10:22 AM Mar 18, 2025 IST | Khushbu Goyal
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Sunita Williams
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अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स आज अपने साथ बुच विल्मोर के साथ आज धरती पर लौट आएंगी। वे 9 महीने 13 दिन तक अंतरिक्ष में रहीं। अवैलेंटिना तेरेश्कोवा अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला थीं। वे 1963 में पहले मिशन पर अंतरिक्ष में गई थीं। तब से लेकर अब तक 99 महिलाएं अंतरिक्ष में अलग-अलग मिशन पर जा चुकी हैं। धरती की ग्रैविटी से बाहर अंतरिक्ष की सैर कर चुकी हैं, लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि महिलाओं को हर महीने पीरियड्स की समस्या से जूझना पड़ता है और महिला अंतरिक्ष यात्री भी इससे अलग नहीं हैं।

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ऐसे में दुनियाभर की कई महिलाओं के दिमाग में एक सवाल यह कौंध रहा होगा कि आखिर महिला अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में पीरियड्स को कैसे मैनेज करती हैं, जबकि वहां पानी की बूंद तक हवा में तैरने लगती है तो पीरियड्स के दिनों में शरीर से प्रवाहित होने वाले रक्त का क्या होता है? जीरो ग्रैविटी में पीरियड्स कैसे मैनेज होते हैं? इस सवाल का जवाब सूत्रों के अनुसार, अंतरिक्ष वैज्ञानिकों द्वारा ही इंटरव्यूज में दिया गया, जिसके आधार पर तैयार हुई टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट सामने आई है, आइए जानते हैं कि यह रिपोर्ट सवाल का क्या जवाब दे रही है?

 

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पीरियड्स के लिए मिलते हैं 2 विकल्प

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा की महिला अंतरिक्ष यात्री रिया ने एक मीडिया इंटरव्यू में इस मुद्दे पर बात की। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में पीरियड्स के दिनों में कपड़ों पर दाग लगने की जांच करना, टैम्पोन बदलने के लिए रिमाइंडर सेट करना, पीरियड्स को मैनेज करना कार्दशियन सिस्टर्स के साथ रहने से ज्यादा मुश्किल और तनावपूर्ण है, लेकिन बता दूं कि पीरियड्स में प्रवाहित होने वाला रक्त जीरो ग्रैविटी में तैरता नहीं है। अंतरिक्ष में जाने वाली महिलाओं को पीरियड्स को लेकर 2 विकल्प मिलते हैं। एक वे पीरियड्स के साथ अंतरिक्ष में रह सकती हैं।

दूसरा वे हॉर्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव्स यानी गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करके पीरियड्स से बच सकती हैं। अगर महिला अंतरिक्ष यात्री पीरियड्स के साथ रहने का विकल्प चुनती हैं तो वे उसी तरह सैनिटरी पैड का इस्तेमाल कर सकती हैं, जैसे धरती पर करती हैं। अगर से गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं तो इन गोलियों में एस्ट्रोजन होता है, जो पीरियड्स को रोकने में कारगर है, लेकिन अंतरिक्ष में रहने के दौरान उन्हें हर रोज लगातार इन गोलियों को लेना होगा। यह विकल्प सुरक्षित और प्रभावी है। इससे महिलाओं के शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। वहीं इस विकल्प को चुनने का फैसला पूरी तरह से व्यक्तिगत होता है, जो मिशन की अवधि और स्वास्थ्य जैसे कुछ कारकों को ध्यान में रखा जाता है।

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