भारत की तरह अमेरिका भी लगाएगा टिकटॉक पर बैन! क्या करेगी कंपनी और 17 करोड़ यूजर्स?
America To Ban Tik Tok : भारत के बाद अब अमेरिका में भी लोकप्रिय सोशल मीडिया एप टिकटॉक के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में इसे बैन करने के लिए लाए गए एक बिल के समर्थन में वोटिंग हुई। शर्त रखी गई है कि अगर टिकटॉक का मालिकाना हक रखने वाली चीनी कंपनी बाइटडांस बिल लागू होने के छह महीने के अंदर इसमें से अपनी हिस्सेदारी नहीं बेचती है तो इस पर बैन लगा दिया जाएगा।
बता दें कि अमेरिका में टिकटॉक के करीब 17 करोड़ यूजर्स हैं। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव से पास होने के बाद अब इस बिल को सीनेट में पेश किया जाएगा। वहां से पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले अमेरिकी सरकार के इस कदम का ऐप के लिए क्या मतलब है? क्या इसके यूजर्स आगे इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे और टिकटॉक के पास इससे बचने के लिए क्या विकल्प हैं?
अमेरिका में टिकटॉक पर क्या चल रहा है?
चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी पर हाउस सेलेक्ट कमेटी के प्रतिनिधि माइक गैलेगर और राजा कृष्णमूर्ति ने 5 मार्च को यह बिल पेश किया था। दो दिन बाद सदस्यों ने एक मत से इस बिल के समर्थन में मतदान किया था। इसमें कहा गया है कि टिकटॉक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है क्योंकि इसका संचालन विदेशी ताकत के हाथ में है। बाइटडांस के पास इस ऐप से अलग होने के लिए 165 दिन का समय है। इसका मतलब है कि बाइटडांस को अपनी हिस्सेदारी किसी गैर चीनी कंपनी को बेचनी होगी।
अगर बाइटडांस अपनी हिस्सेदारी नहीं बेचती है तो फिर इस पर प्रतिबंध लग जाएगा। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इतने कम समय में नया मालिक ढूंढना टिकटॉक के लिए एक बड़ी चुनौती है। अब इस बिल को अमेरिकी सीनेट में भेजा जाएगा। कुछ लोगों का मानना है कि सीनेट से इसका पास होना मुश्किल है क्योंकि इसी उद्देश्य के साथ पहले भी कई बिल लगाए गए थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिल पाई थी और इस बिल के साथ इस बार भी वैसा ही हो सकता है।
टिकटॉक बैन करने वाला भारत पहला देश
भारत पहला ऐसा देश था जिसने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाया था। भारत सरकार ने 29 जून 2020 को यह कदम उठाया था। बता दें कि यह चीन के बाद इस ऐप के लिए सबसे बड़ा बाजार था। अब अमेरिका भी भारत की राह पर भी चलता नजर आ रहा है। उस समय केंद्र की मोदी सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप्स ब्लॉक किए थे। दरअसल, चीन की सरकार से लिंक के चलते टिकटॉक को सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है।
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