बिना प्लेन में बैठे 27 देश घूम आए दो दोस्त, चौंका देगी ट्रैवल की कहानी

27 Countries Travel: दो दोस्तों ने कई देशों की यात्रा करके एक अनौखा रिक़र्ड बना दिया है। पिछले साल दोनों एक सफर पर निकले थे। इस बीच वो 27 देशों में पहुंचे, वो भी बिना कोई फ्लाइट लिए।

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27 Countries Travel: दुनियाभर में घूमना और नई चीजों की खोज करने का बहुत से लोगों को शौक होता है। उसके लिए लोग कई प्लान बनाते हैं। ऐसे ही दुनियाभर की सेर करने के शौकीन दो दोस्तों ने अपना सफर शुरू किया। इस सफर में खास बात ये है कि इस पूरे सफर में उन्होंने एक बार भी हवाई सफर नहीं किया। उनका कहना कि हवाई सफर ना करके उन्होंने पर्यावरण की मदद के साथ साथ अपने पैसे भी बचाए हैं।

27 देशों की यात्रा

फरिनम और लाफुएंते नाम के दो दोस्तों ने एक साल पहले अपना सफर शुरू किया था। वो इस सफर को यादगार बनाना चाहते थे। इसके साथ ही वो एक अलग तरह की खोज के इरादे के साथ घर से निकले थे। दोनों ने पिछले 15 महीनों में एक भी उड़ान लिए बिना 27 देशों की यात्रा कर ली है। 25 साल के फरिनम और 27 साल के एड्रियन लाफुएंते अपने आप को टिकाऊ खोजकर्ता कहते हैं। उन दोनों का इरादा ऐसे ही दुनियाभर की सैर करने का है।

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फरिनम जो इटली से ताल्लुक रखते हैं। पानी के रास्ते दुनियाभर की सेर करने का इरादा रखने वाले फरिनम कहते हैं कि 'हम नाव सहयात्री हैं, हमें फेसबुक पर अपनी एक सवारी मिली, जिसमें एक नाव कप्तान से बात हो रही थी, जिसने हमें सीट की पेशकश की।' उनका कहना है कि 'हवाई यात्रा न करके इन दोनों ने न केवल पर्यावरण की मदद की बल्कि पैसे भी बचाए।' फरिनम और लाफुएंते ने 27 देशों का दौरा करते समय केवल 7700 डॉलर (646346.74 रुपये) खर्च किए हैं।

डरे हुए थे परिवार वाले

दोनों ने मीडिया आउटलेट को बताया, 'जब हमने पहली बार दोस्तों और परिवार को बताया तो वो इससे घबरा घए थे। खासकर तब जब हमने बिना किसी अनुभव के प्रशान्त महासागर को पार करने का फैसला किया। उनका कहना है कि 'हमारा इरादा एक ऐसी दुनिया के लिए आशा पैदा करने में मदद करना है जहां हम ये पता कर सकें कि मनुष्य, वास्तव में बाकी वनस्पतियों, जानवरों और अन्य मनुष्यों के साथ साथ रह सकता है कि नहीं।

फरिनम ने याद करते हुए कहा, 'पनामा की खाड़ी में पहले 10 दिन खतरनाक थे। इस दौरान हवाएं, तूफान और बड़ी लहरें थीं। जिसमें डूबने का खतरा हमेशा बना रहता था।' दोनों का ये सफर पिछले साल गर्मियों में शुरू हुआ था। उन्होंने दक्षिण अमेरिका तक पहुंचने के लिए अटलांटिक पार करते हुए समुद्र में 39 दिन बिताए। दोनों ने पनामा की खाड़ी की भी यात्रा की।

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