शेर या हाथी नहीं...Unicorn है स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय पशु, हजारों साल पुराना है कनेक्शन
UK Perth Museum: यूके का पर्थ म्यूजियम लोगों के लिए 30 मार्च को खुल जाता है। जिसकी पहली प्रदर्शनी का नाम यूनिकॉर्न होता है। जोकि स्कॉटिश राजघराने का प्रतीक माना जाता है। यूनिकॉर्न को जादुई प्राणी माना जाता है। जिसके सांस्कृतिक इतिहास का सर्वे ब्रिटेन लंबे समय से करवाता आ रहा है। यूनिकॉर्न को लेकर ब्रिटेन में सदियों से रहस्य बना रहा है।
यूनिकॉर्न को बच्चों का फेवरेट कैरेक्टर एलजीबीटीक्यूआई (ट्रांसजेंडर, समलैंगिक) समुदाय का भी प्रतीक माना जाता है। अब संग्रहालय ने पांडुलिपियों, मूर्तियां, पेंटिंग, सिक्कों आदि को सहेजने के लिए भी कवायद शुरू की है। यूनिकॉर्न का उल्लेख 400 ईसा पूर्व यूनानी इतिहासकार सीटीसियास ने किया था। जिसमें सफेद शरीर और नुकीले सींग वाले घोड़े जैसे जानवर का उल्लेख किया गया था। बाइबिल में भी 'रीम' नामक एक जीव का उल्लेख किया गया है जिसका कुछ भाषाओं में अर्थ यूनिकॉर्न होता है।
बीबीसी ट्रैवल के माइक मैकएचेरन ने 2019 में अपनी बुक में चौंकाने वाला दावा किया था। लिखा था कि यूनिकॉर्न की 12वीं सदी तक स्कॉटलैंड में मौजूदगी थी। जिसे 'विलियम वन' यानी 'विलियम द लायन' कहा जाता था। यह निशान स्कॉटिश राजाओं और सुरक्षाकर्मियों की वर्दी पर 15वीं सदी तक दिखता था। बाद में इसको देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया था। यूके सरकार के मंत्री मैल्कम ऑफर्ड ने भी बयान जारी कर कहा था कि यूनिकॉर्न स्कॉटलैंड के शानदार इतिहास और संस्कृति का नेतृत्व करने के लिए लौट आया है। अब संग्रहालय में काफी कलात्मक वस्तुओं को शामिल करने की तैयारी कर ली गई है, जो यूनिकॉर्न से जुड़े तथ्यों को उजागर करेंगी।
संग्रहालय में अब कलाकार लुका लोंघी की यूनिकॉर्न पेंटिंग भी नजर आएगी। जिसमें मध्य युग और यूनिकॉर्न के स्थायी प्रतीकवाद की झलक देखने को मिलती है। इस पेंटिंग के ऊपर 19वीं सदी की छड़ी भी दिखाई देती है, जिसके ऊपर चांदी का वांड (प्रतीक) लगा हुआ है। इस पेंटिंग को 1821 में जॉर्ज चतुर्थ के सिंहासन संभालने के मौके पर बनाया गया था। पिछले साल जब चार्ल्स 3 ने सिंहासन संभाला था, तब भी यह पेंटिंग साथ दिखी थी।
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यूनिकॉर्न की झलक 30 मार्च से 22 सितंबर तक स्कॉटलैंड के पर्थ संग्रहालय में देखने को मिलेगी। स्टोन ऑफ डेस्टिनी, जिसका प्रयोग राज्याभिषेक के मौके पर किया जाता है। उसे अब संग्रहालय में रखने पर 34 मिलियन डॉलर (2,83,79,30,700 रुपये) का खर्च किया जाएगा। संस्कृति पर्थ और किन्रोस के वरिष्ठ नए परियोजना अधिकारी जेपी रीड बताते हैं कि यूनिकॉर्न किताबों, फिल्मों, इतिहासकारों के अलावा कई तरह से खोज का विषय रहा है।