पार्सल आया, खोला और उड़ गए चिथड़े; मैथ में PHD लेकिन खौफनाक इरादे, जानें एक जीनियस कैसे बना आतंकी?
American Terrorist Unabomber Ted Kaczynski: 16 साल की उम्र में स्कॉलरशिप लेकर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पहुंचा, मैथमेटिक्स से डॉक्टरेट करके 25 की उम्र में प्रोफेसर बना। दिमाग कंप्यूटर से भी तेज था और हर एग्जाम में टॉप करता था। उसका IQ जीनियस अल्बर्ट आइंस्टीन से भी ज्यादा था, लेकिन एक दिन अचानक गायब हो गया। परिवार वाले उसे तलाश रहे थे, पुलिस को भी शिकायत दी गई, लेकिन कहीं सुराग नहीं लगा। अचानक बम धमाके होने लगे। पार्सल आता और खोलते ही ब्लास्ट हो जाता। जो उसे खोलता, उसके चिथड़े उड़ जाते। करीब 17 साल तक यह सिलसिला चलता रहा और पुलिस परेशान थी।
बम धमाके करने वाले को तलाशते-तलाशते पुलिस को एक शख्स का सुराग मिला, जो जंगल में झोपड़ी बनाकर रहता था। शक था कि वह आतंकी गतिविधियों में शामिल है। पुलिस ने उसकी झोपड़ी खंगाली तो बम बनाने का सामान मिला। शिनाख्त हुई तो आरोपी निकला वही जीनियस Ted Kaczynski, जिसने पुलिस को कभी यह नहीं बताया कि वह बम धमाके क्यों करता था। आज से 28 साल पहले उसे 8 मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 1996 से जेल में था, लेकिन पिछले साल जून 2023 में 81 साल की उम्र में उसने जेल में सुसाइड कर ली।
अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी ने 20 साल में पकड़ा
Ted Kaczynski (थियोडोर जे. काकज़ेंस्की) की मौत 10 जून 2023 को नॉर्थ कैरोलिना में हुई। उसने सुसाइड की थी, वह अपनी सेल में डेड मिला था, लेकिन इस शख्स को पकड़ने में दुनिया के सबसे बड़े अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी FBI को 20 साल लगे। 1978 से 1996 के बीच इसने अमेरिका में कई बम धमाके किए। इस धमाकों में 3 लोगों की मौत हुई और 23 लोगों की जिंदगी बदतर हो गई।
उसने मोंटाना के जंगल में ठिकाना बनाया था, जहां वह अपने नॉलेज का इस्तेमाल करके बम बनाता था। वह पोस्ट के जरिए बम पार्सल करता था। उसने अमेरिका की एक एयरलाइन के जहाज में बम रख दिया था, जिसका धुआं निकलते ही पता चल गया और उसे डिफ्यूज कर दिया गया। उसने एक ऐसा रिसर्च पेपर लिखा था, जिसे कई प्रोफेसर पढ़ भी नहीं पाए थे। साल 1969 में उसने प्रोफेसर की नौकरी छोड़ दी थी और उसके बाद अचानक लापता हो गया था।
क्यों मैथ का जीनियस करने लगा धमाके?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट शख्स अचानक बम धमाके करने वाला आतंकी कैसे बन गया? इसके बारे में दावा किया जाता रहा कि उसे मॉडर्न टेक्नोलॉजी पसंद नहीं थी। वह इंडस्ट्रियल ग्रोथ को लोगों के लिए खतरा मानता था। वह खुद भी मॉडर्न लाइफ नहीं जीता था। दुनिया जिस स्पीड से अधुनिकता की ओर बढ़ रही थी, इसके लिए वह अमेरिका को जिम्मेदार ठहराता था, इसलिए उसने बदला लेने के लिए बम धमाके करने का रास्ता चुना, वहीं कुछ लोग उसे मानसिक रूप से बीमार भी कहते थे।
उसने अमेरिकन न्यूजपेपर द वाशिंगटन पोस्ट के दफ्तर में एक लेटर भी भेजा था, जिसमें उसने इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन, टेक्नोलॉजी और ब्लास्ट का जिक्र किया था। इसी लेटर के कारण पुलिस को उसका सुराग मिला था। लेटर लिखने वाले को पकड़ने के लिए पुलिस ने इसे पेपर में छपवाया। परिवार वाले नाम पढ़कर थाने आए और टेड के बारे में बताया। इस तरह अमेरिका की पुलिस टेड तक पहुंची और उसके खौफनाक इरादों का पता चला।