America में कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव? कम वोटों वाला भी हो सकता है विजेता
US Election 2024: मंगलवार (5 नवंबर) को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हैं। इस वोटिंग में अमेरिकी नागरिक राष्ट्रपति और संसद सदस्यों चुनने के लिए के लिए भाग लेंगे। लेकिन यहां दिलचस्प बात ये है कि यहां के लोग सीधे तौर पर वोटिंग नहीं करते बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज के लिए वोट करते हैं। इसके बाद ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव होता है। आखिर क्या है होता है इलेक्टोरल कॉलेज और ये राष्ट्रपति का चुनाव कैसे करता है, जानिए सबकुछ।
आज अमेरिका में चुनाव
अमेरिका में आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। यहां पर दो पार्टियां चुनावी मैदान में आमने सामने हैं। जिसमें रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से कमला हैरिस चुनावी मैदान में हैं। दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर है, इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प माना जा रहा है।
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क्या है इलेक्टोरल कॉलेज?
भारत में चुनाव के लिए जनता सीधे तौर पर वोट डालती है, लेकिन अमेरिका में ऐसा नहीं है। यहां पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए जनता वोट तो डालती है लेकिन सीधे तौर पर नहीं। जनता का वोट इलेक्टोरल कॉलेज को जाता है। ये एक समूह होता है, जो राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करता है। भारत के रूप में इसे ऐसे समझ सकते हैं, जैसे लोगों ने अपनी विधानसभा या लोकसभा सीट पर विधायक या सांसद को चुना। बाद में यही विधायक या सांसद मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का चुनाव करते हैं।
कम वोट वाला उम्मीदवार भी जीत सकता है
इलेक्टोरल कॉलेज एक ऐसा सिस्टम है, जो कम वोट मिलने पर भी उस उम्मीदवार को जिता सकता है। कम वोट मिलने पर भी जीतने वाले पांच राष्ट्रपति रहे हैं। जिसमें सबसे नए राष्ट्रपति 2016 में डोनाल्ड ट्रंप थे। उनको हिलेरी क्लिंटन से 28 लाख वोट कम मिले थे, इसके बाद भी वह राष्ट्रपति बने थे। हिलेरी क्लिंटन के हारने की वजह कुछ अहम राज्य थे, जहां पर वह हारी थीं। इलेक्टोरल कॉलेज में उन्हें ट्रंप के 306 के मुकाबले 232 वोट मिले थे।
आपको बता दें कि अगर कोई उम्मीदवार किसी बड़े राज्य में जीतता है, तो उसे आमतौर पर सभी इलेक्टोरल वोट भी मिलते हैं। इस तरह 2020 में हुआ था, जब बाइडेन ने कैलिफोर्निया जीता, इसलिए कैलिफोर्निया के सभी 55 इलेक्टोरल वोट उनको मिल गए थे।
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