US Election: ट्रंप और हैरिस को बराबर वोट मिले तो कैसे होगा विजेता का फैसला? जानें नियम
US Election 2024: अमेरिकी चुनाव में इस बार डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटे का मुकाबला बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि दोनों के बीच बराबरी का मुकाबला है। अगर किसी उम्मीदवार को चुनाव में स्पष्ट तौर पर बढ़त नहीं मिली तो संभावना जताई जा रही है कि मुकाबला टाई हो सकता है। हालांकि ये सब नतीजों से पहले कहना मुश्किल है। अमेरिका में 1800 के बाद कभी ऐसी स्थिति नहीं आई है। 224 साल पहले ही टाई की स्थिति बनी थी। राष्ट्रपति बनने के लिए 240 इलेक्टोरल वोटों की जरूरत होती है। अगर इतने वोट नहीं मिलते तो राष्ट्रपति का चयन कैसे होगा? इसके बारे में जानते हैं।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बार मामला इस बात से फंस सकता है कि नया राष्ट्रपति 538 सदस्यीय इलेक्टोरल कॉलेज से चुना जाना है। हर राज्य के वोट उसके प्रतिनिधि का फैसला करेंगे। दो सीनेटरों के अलावा जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधि जीतकर सदन पहुंचेंगे। हर राज्य में वोटों की संख्या अलग होती है। मेन और नेब्रास्का राज्य में अलग नियम हैं। वहीं, अन्य राज्यों में विजेता को ही सब कुछ माना जाता है। यहां जो उम्मीदवार अधिक लोकप्रिय वोट हासिल करता है। उसे ही सारे इलेक्टोरल वोट दे दिए जाते हैं।
ऐसे समझते हैं पूरा गणित
उदाहरण के लिए फ्लोरिडा की बात करते हैं। यहां कांग्रेस प्रतिनिधित्व के कुल 29 वोट हैं। जिसमें 2 सीनेटर और 27 प्रतिनिधि शामिल हैं। वोटिंग के दिन मतदाता राष्ट्रपति के लिए वोट डालते हैं। मान लीजिए यहां ट्रंप को 50 लाख वोट मिलते हैं और कमला हैरिस को 48 लाख। इस हिसाब से लोकप्रिय वोटों का विजेता ट्रंप को घोषित किया जाएगा। यहां लागू 'विनर टेक्स ऑल' का अर्थ है कि सभी 29 वोट जीतने वाले कैंडिडेट के खाते में जोड़े जाएंगे। राष्ट्रीय लोकप्रिय वोटों की परवाह किए बिना जो कैंडिडेट 270 इलेक्टोरल वोट हासिल करेगा, वही राष्ट्रपति बनेगा।
मान लीजिए कोई उम्मीदवार 269 वोट हासिल कर लेता है। या दोनों के वोट 269-269 हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में फैसला कांग्रेस के जरिए होता है। अमेरिकी सदन संविधान के हिसाब से प्रेसिडेंट चुनती है। प्रतिनिधि सभा प्रेसिडेंट चुनेगी और सीनेट वाइस प्रेसिडेंट। फिलहाल हैरिस मिशिगन, विस्कॉन्सिन और पेंसिल्वेनिया में मजबूत हैं। वहीं, ट्रंप एरिजोना, जॉर्जिया, उत्तरी कैरोलिना, नेब्रास्का और नेवादा में मजबूत बताए जा रहे हैं। अगर मुकाबला टाई हुआ तो अगले साल 6 जनवरी को स्पेशल चुनाव होगा। जिसमें प्रत्येक राज्य का प्रतिनिधि राष्ट्रपति चयन के लिए वोटिंग करेगा। आखिरी बार 1800 यानी 224 साल पहले थॉमस जेफरसन और जॉन एडम्स में मुकाबला टाई रहा था।
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