आखिर इतनी लंबी क्यों होती है जिराफ की गर्दन? वैज्ञानिकों ने सुलझा लिया रहस्य; आप भी जानिए
Facts About Giraffes: जिराफ सदियों से ही चर्चा का विषय रहा है। इस जानवरी की ऊंचाई, लंबी गर्दन, मजबूत टांगें वैज्ञानिकों ही नहीं, आम लोगों को भी आकर्षित करती है। चार्ल्स डार्विन की तरह कई वैज्ञानिक जिराफ के विशाल शरीर को लेकर चौंकाने वाले दावे कर चुके हैं। ऐसी ही एक शोध अब सामने आई है। जिसमें दावा किया गया है कि जिराफ की गर्दन इतनी लंबी क्यों होती है? यह रहस्य सुलझा लिया गया है। जिराफ की विशिष्ट ऊंचाई को लेकर वैज्ञानिक हैरानी भी जता चुके हैं। एक समय इनको यूनिकॉर्न (एक सींग वाले) पौराणिक प्राणी के तौर पर भी माना जाता था। जिनकी ऊंचाई धीरे-धीरे बढ़ती गई।
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18वीं सदी की शुरुआत में जिराफ को 'कैमलोपार्ड' (ऊंट का आकार, तेंदुए जैसा रंग) के समान माना जाता था। फ्रांसीसी प्राणी विज्ञानी माथुरिन जैक्स ब्रिसन ने 18वीं शताब्दी में क्लोन के तौर पर जिराफ तैयार किया था। जब संरक्षित और जंगली जिराफ पर अध्ययन किया गया तब भी यह पता नहीं लग सका था कि इनकी गर्दन इतनी लंबी क्यों होती है? इसके बाद वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाने के लिए दिग्गज प्रकृतिवादी सर चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत पर काम किया। डार्विन का सुझाव मादा जिराफों की गर्दन में असाधारण वृद्धि को लेकर था। मादा जिराफ ऊंचाई के कारण ही लंबे पेड़ों के पत्ते खाती है।
दावा-मादा की गर्दन नर जिराफ से लंबी
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भी नर के बजाय मादा जिराफ की गर्दन को ज्यादा लंबा बताया था। जिसका कारण गर्भावस्था और स्तनपान से बढ़ी पोषण की मांग को बताया गया था।पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान के प्रोफेसर डगलस कैवेनर भी जिराफ को लेकर शोध कर चुके हैं। उनके अनुसार जिराफ खाने को लेकर सबसे अधिक नखरे करने वाला जीव है। वह सिर्फ सेलेक्टेड पेड़ों की पत्तियां ही खाता है। लंबी गर्दन के कारण ऊंचाई वाले पेड़ों की पत्तियां खाना अधिक पसंद करता है। आमतौर पर कोई दूसरा जीव नहीं है, जो उनको टक्कर दे सके। जिराफ का विकास व्यस्क मादाओं से प्रेरित होता है। मादा जिराफ 4 साल की उम्र के बाद गर्भधारण कर सकती है। बच्चे को जन्म देने के कुछ समय बाद तुरंत गर्भवती हो सकती हैं।
नर और मादा जिराफ के खड़े होने का तरीका अलग
वैज्ञानिकों के अनुसार लगातार गर्भधारण की क्षमता से मादा जिराफ ताउम्र स्तनपान करवा सकती हैं। मादाओं में बढ़ती पोषण संबंधी मांगों के कारण ही जिराफ की गर्दन समय के साथ लगातार लंबी होती गई। वहीं, वैज्ञानिकों ने दूसरी थ्योरी भी पेश की है। जिसमें बताया गया है कि मादा और नर जिराफ के खड़े होने के तरीके अलग-अलग होते हैं। जिसका भी कोई न कोई उद्देश्य हो सकता है। जन्म के बाद आकार समान होने के बावजूद नर जिराफ अधिक सीधा खड़ा हो पाता है। लेकिन मादा ऐसा नहीं कर पाती। उसे समय लगता है। वैज्ञानिकों के अनुसार मादाओं की पीठ ढलानदार होती है। जो नर को आकर्षित करने या इंटीमेंसी में मददगार होती है।