बोइंग प्लेन हादसे के कारणों का हुआ खुलासा, कंपनी ने नहीं दी थी कोई ट्रेनिंग; कर्मचारियों पर था ये दबाव...
Workers Describe Chaotic Work Environment at Boeing: एयरोस्पेस कंपनी बोइंग के कर्मचारियों का कहना है कि उन पर अधिक वर्कलोड है। इतना ही नहीं उनका कहना है कि कंपनी में काम को लेकर अराजकता का माहौल है। दरअसल, कर्मचारियों ने राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) के अधिकारियों के सामने ये बात कही है। दरअसल, संयुक्त राज्य अमेरिका की ये जांच एजेंसी बीते जनवरी में Boeing 737 MAX प्लेन में हुई उस घटना की जांच कर ही है, जिसमें जमीन से 16000 फीट की ऊंचाई में प्लेन के दरवाजे का प्लग अचानक टूटकर गिर गया था।
गलती न हो ये असंभव है
जिस प्लेन का दरवाजा टूटा उसके एक टेक्नीशियन ने जांच टीम को बताया कि उसके और उसके साथी कर्मचारियों के पास इतना अधिक काम है कि उनसे गलती न हो ये असंभव है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कर्मचारी ने जांच दल को बताया कि हम लोगों पर ज्यादा से ज्यादा काम करने का दबाव है, जिसके चलते गलतियां होती हैं। उसने कहा कि हम लोग बहुत तेजी से काम करने की कोशिश करते हैं। जिससे कमियां रह जाती हैं।
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कर्मचारियों को नहीं दी गई थी कोई ट्रेनिंग
इसके अलावा जांच में ये सामने आया है कि जो डोर प्लग टूटकर गिरा उसके रखरखाव के बारे में कर्मचारियों को कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई जबकि वह सामान्य डोर से अलग है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक कर्मचारी ने बताया कि काम के दौरान हमें तेजी के साथ काम करना होता है और प्लेन के डोर हम इतनी जल्दी बदलते हैं जितनी देर में कोई अपना अंडरवियर बदल लेता हो। जबकि ये प्लेन का महत्वपूर्ण पार्ट है।
यह था पूरा मामला
बता दें 6 जनवरी को अमेरिका के अलास्का एयरलाइंस के एक बोइंग विमान का दरवाजा टेक ऑफ करने के बाद अचानक टूट कर गिर गया था। राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड इसी मामले में बोइंग के कर्मचारियों के बयान ले रही है। हादसे के दौरान प्लेन में कुल 177 लोग थे। हालांकि सभी को सुरक्षित बचा लिया गया था।
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