खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

Elephant's Foot : दुनिया का सबसे खतरनाक पदार्थ, सिर्फ 5 मिनट देखने भर से जा सकती है जान

The Most Dangerous Object On Earth : अगर आपसे पूछा जाए कि दुनिया का सबसे खतरनाक ऑब्जेक्ट क्या है तो कुछ लोग बंदूकों की बात करेंगे, कुछ मिलिट्री वेपन्स का नाम लेंगे तो कुछ रेडियोएक्टिविटी की बात करेंगे। आपको बता दें कि दुनिया का सबसे खतरनाक पदार्थ इतना खतरनाक है कि थोड़ी सी देर के लिए भी इसे देखने या इसके पास जाने से जान पर बन सकती है।
04:20 PM May 11, 2024 IST | Gaurav Pandey
Elephant's Foot in Chernobyl Is Considered The Most Dangerous Object On Earth
Advertisement

World's Most Dangerous Object : सुनने में भले ही यह अविश्वसनीय लगे लेकिन एक ऐसा पदार्थ है जिसे केवल देखने भर से व्यक्ति की मौत हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति एक कमरे में इस पदार्थ के साथ केवल 5 मिनट गुजारता है तो महज 2 दिन के अंदर उसकी जान चली जाएगी। इस पदार्थ को Elephant's Foot के नाम से जाना जाता है। यह शर्नोबिल न्यूक्लियर रिएक्टर के पिघल चुके कोर से बना ठोस हो चुका लावा है जिसकी चौड़ाई करीब 2 मीटर है। इससे निकलने वाला रेडिएशन बेहद इंटेंस है, इसी वजह से इसकी काफी कम तस्वीरें ली जा सकी हैं।

Advertisement

शर्नोबिल आपदा की शुरुआथ 26 अप्रैल 1986 में हुई थी जब इसके चार नंबर पावर प्लांट में विस्फोट हुआ था। इस भयावह घटना के 40 साल बाद भी इसका असर बना हुआ है। न्यूक्लियर रिएक्टर के जिस कमरे में यह एलीफेंट्स फुट है उस कमरे में जाना आज भी मौत को दावत देने जैसा है और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खतरा कई सदियों तक बना रह सकता है। जब विस्फोट हुआ था तब इमरजेंसी शटडाउन प्रोसीजर फेल होने से कोर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया था। रिएक्शन धीमी करने के लिए जब तक कंट्रोल रॉड को कोर में डाला गया तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

Advertisement

चैंबर बना दुनिया की सबसे खतरनाक जगह

जल्द ही कूलिंग वाटर भाप में बदल गया और प्रेशर इतना बढ़ गया कि रिएक्टर में विस्फोट हो गया। इसके बाद एक इमरजेंसी टीम ने रेडिएशन को कंटेन करने का काम शुरू किया। इस दौरान उन्हें रिएक्टर के नीचे स्थित एक चैंबर का पता चला जो दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक बन चुका था। बता दें कि रिएक्टर इतना गर्म हो गया था कि कोर की सुरक्षा के लिए लगी स्टील और कंक्रीट पिघल कर रेडियोएक्टिव लावा में बदल गए थे। रेत, कंक्रीट और न्यूक्लियर फ्यूल का यह मिक्सचर ठंडा होने के बाद ठोस होकर एक नए मैटीरियल 'कोरियम' में बदल गया था।

ये भी पढ़ें: अमेरिका के बाद लंदन में तबाही मचा रहा Zombie Drug

ये भी पढ़ें: Venus के बारे में हैरान कर देने वाले पांच Unique Facts

ये भी पढ़ें: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की हत्या की साजिश हुई नाकाम

Advertisement
Tags :
Nuclear Power Plantspecial-news
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement