दुनिया के रहस्यमयी इलाके, जहां आम लोगों को जाने की अनुमति नहीं; ऐसी गुप्त जगहें भारत में भी
World Most Mysterious Places News: चोलामू झील भारत की सबसे ऊंची झील मानी जाती है, जो बेहद खूबसूरत भी है। लेकिन चीन की सीमा के पास होने के कारण इस जगह को काफी संवेदनशील माना जाता है। जिसके कारण आम लोगों को यहां जाने की अनुमति नहीं दी गई है। कुछ ऐसे ही रहस्य से भरे स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आम लोगों के जाने पर बैन लगा हुआ है। चाहे इन जगहों की पर्यावरण की संवेदनशीलता को लेकर भूमिका हो, लेकिन यहां जाने की परमिशन किसी को नहीं है। कुछ जगहों पर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी जाने पर बैन लगाया गया है। दुनियाभर में ऐसे कई गुप्त स्थान हैं। जो काफी दिलचस्प हैं, लेकिन कोई यहां नहीं जा सकता। सबसे पहले जिक्र आता है उत्तरी सेंटिनल द्वीप का, जो अंडमान द्वीप समूह का हिस्सा है।
इस जगह को सेंटिनली जनजाति का घर माना जाता है। ये लोग धरती के लोगों से पूरी तरह कटे हुए हैं। केंद्र सरकार ने अलगाव, बाहरी लोगों से इनको खतरा और जनजाति की सुरक्षा को लेकर किसी के जाने पर यहां पाबंदी लगा रखी है। लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील पर भी आम आदमी नहीं जा सकता। यह झील बिल्कुल चीन बॉर्डर के पास है। अति संवेदनशील जगह होने के कारण यहां भी जाने पर पाबंदी है। अंडेमान का बैरन द्वीप भी आम लोगों के लिए बैन है। यहां पर ज्वालामुखी सक्रिय है। इस द्वीप पर अद्वितीय वनस्पति और जीवों के होने के बारे में विशेषज्ञों को पता लगा है। लेकिन यहां जाने की परमिशन नहीं है।
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सिक्किम की चोलामू झील को देश की सबसे ऊंची झील माना जाता है। लेकिन यह चीन बॉर्डर के बिल्कुल पास है। जिसके कारण इस झील को संवेदनशील इलाकों में गिना जाता है। सरकार ने यहां जाने की परमिशन किसी को नहीं दी है। यह झील लगभग 17 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर है। लक्षद्वीप को भी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से आम लोगों के लिए बैन किया गया है। यह द्वीप जैव विविधता, स्वदेशी संस्कृति और नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र का अनूठा उदाहरण माना जाता है। ब्राजील का स्नेक आईलैंड भी विषैले सांपों विशेषकर गोल्डन लांसहेड वाइपर का घर माना जाता है। जिसके कारण इसको आंगतुकों के लिए बैन किया गया है।
सैन्य गतिविधियों का केंद्र है अमेरिका का एरिया 51
अमेरिका का एरिया 51 भी गुप्त स्थान है, जहां किसी को जाने की अनुमति नहीं है। इसे सैन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया है, जो यूएस की वायु सेना का गोपनीय अड्डा माना जाता है। आइसलैंड के सुरत्से में भी आम लोग नहीं जा सकते। यह एक प्राकृतिक प्रयोगशाला है, जो नई भूमि पर पारिस्थितिकी तंत्र विकास की प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिए बनाई गई है। 1960 में आए ज्वालामुखी विस्फोटों के कारण यह बनी है, इसे यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर में भी शामिल किया गया है। अनूठी भूवैज्ञानिक और जैविक विशेषताओं की सुरक्षा के लिए यहां पर आम पब्लिक को जाने के लिए बैन किया गया है।