महाकुंभ 2025 का अद्भुत नजारा, प्रयागराज की खूबसूरत तस्वीरें
02:25 PM Jan 01, 2025 IST | Ashutosh Ojha
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Maha Kumbh 2025: प्रयागराज से दीपक दुबे की रिपोर्ट के अनुसार, प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन भारत की संस्कृति, अध्यात्म और पौराणिक धरोहरों का अद्भुत संगम लेकर आया है। यहां का हर कोना भारतीय परंपराओं और आस्था की झलक से सजा है। विशाल डमरू, दुनिया का सबसे ऊंचा त्रिशूल और भव्य कलाकृतियां इस आयोजन को अनोखा बना रही हैं। सड़कों, पुलों और दीवारों पर बनीं रंग-बिरंगी पेंटिंग्स भारतीय इतिहास और धर्म की गहराई को दर्शाती हैं। देशी-विदेशी पर्यटक यहां आकर इस दिव्यता का अनुभव कर रहे हैं। महाकुंभ में शामिल होकर भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की इस अनमोल धरोहर का हिस्सा बनें।
प्रयागराज को महाकुंभ 2025 के लिए दिव्य और अलौकिक रूप से सजाया गया है। भारतीय संस्कृति, पौराणिक इतिहास और साधु-संतों की दिव्यता को दर्शाने वाली अनोखी कलाकृतियां देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
महाकुंभ के स्वागत के लिए 20 फीट ऊंचा विशालकाय डमरू स्थापित किया गया है। गाजियाबाद की शिल्पकारों की टीम ने इसे 100 दिनों में तैयार किया। डमरू के साथ भगवान शिव का त्रिशूल भी है, जो सूरज की किरणों से झिलमिलाता है।
महाकुंभ में 151 फीट ऊंचा और 31 टन वजनी त्रिशूल स्थापित किया गया है। इसे 80 फीट गहराई तक पाइलिंग और स्टील सहित कई धातुओं से बनाया गया है। इसकी सुरक्षा के लिए विशेष तकनीक अपनाई गई है।
सड़कों, दीवारों और पुलों पर भारतीय इतिहास और संस्कृति की झलक देने वाली पेंटिंग्स बनाई गई हैं। इनमें भगवान कृष्ण, शिव, साधु-संत, रानी लक्ष्मी बाई और महाराणा प्रताप जैसे चरित्रों को दर्शाया गया है।
शहर के चौराहों और सड़कों को धार्मिक ग्रंथों, कलश और भारतीय नृत्य की मूर्तियों से सजाया गया है। महाकुंभ में योगी सरकार ने सभी श्रद्धालुओं से इन अद्भुत नजारों का दर्शन करने की अपील की है।
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