प्रतिष्ठित खेल आयोजन
पैरालंपिक खेल, जिन्हें पैरालंपियाड भी कहा जाता है, दिव्यांग एथलीटों के लिए दुनिया के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित खेल आयोजनों में से एक हैं।
प्रेरणादायक यात्रा
क्या आप जानते हैं कि इन खेलों की शुरुआत कैसे हुई, ये कैसे विकसित हुए, और इनके पीछे की प्रेरणा क्या है? चलिए जानते हैं इस प्रेरणादायक यात्रा के बारे में...
पैरालंपिक की शुरुआत
पैरालंपिक खेलों की शुरुआत 1960 में एक छोटे से आयोजन से हुई थी।
सिंबल का मतलब
पैरालंपिक का प्रतीक तीन लहरों से बना होता है, जिसे "एजिटोस" कहा जाता है, जिसका मतलब लैटिन में “मैं चलता हूँ” है।
पहली बार आयोजन
1960 में रोम में पहली बार आधिकारिक पैरालंपिक खेलों का आयोजन किया गया, जिसमें 23 देशों के 400 दिव्यांग एथलीटों ने भाग लिया।
आयोजन की विशालता
2020 के ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक में 163 राष्ट्रीय पैरालंपिक समितियों के 4,520 एथलीटों ने भाग लिया, जो इस आयोजन की विशालता और लोकप्रियता को दर्शाता है।
पैरालंपिक स्विमिंग
पैरालंपिक स्विमिंग में कृत्रिम अंग की अनुमति नहीं होती, जबकि अन्य खेलों में ये इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
ब्लाइंड फुटबॉल
ब्लाइंड फुटबॉल और गोलबॉल में गेंदों में घंटियां लगी होती हैं, ताकि एथलीट उन्हें आसानी से ढूंढ सकें।
व्हीलचेयर बास्केटबॉल
व्हीलचेयर बास्केटबॉल में बास्केट का घेरा जमीन से 3.05 मीटर ऊँचा होता है, जो ओलंपिक की ऊंचाई के बराबर है।