भारत में इन 5 किताबों को पढ़ने पर हो सकता है मुकदमा

By Ashutosh Ojha

गांधी को किसने मारा?

(Who Killed Gandhi)

लौरेंको डी सादवंदोर द्वारा लिखित यह किताब महात्मा गांधी की हत्या पर एक विवादास्पद नजरिया रखती है। 1963 में पब्लिश होने के बाद से इसे भारत में इम्पोर्ट करने पर बेन कर दिया गया है।

एन एरिया ऑफ डार्कनेस

(An Area of Darkness)

वीएस नायपॉल द्वारा लिखित, इस पुस्तक को भारत में "भारत और उसके लोगों के नकारात्मक चित्रण" के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।

पवित्र गाय का मिथक

(The Myth of the Holy Cow)

इतिहासकार द्विजेंद्र नारायण झा की यह पुस्तक वैदिक ग्रंथों से साक्ष्य प्रस्तुत करती है कि 19वीं शताब्दी तक गोमांस खाना और गायों को मारने पर प्रतिबंध नहीं था। 2006 में प्रकाशित होने के बाद से इसे भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है।

महान आत्मा

2011 में, पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार जोसेफ लेलीवेल्ड ने गांधी की जीवनी प्रकाशित की। 2011 में प्रकाशित होने के बाद से इसे गुजरात में प्रतिबंधित कर दिया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे "विकृत" और "आपत्तिजनक" बताया था।

द सैटेनिक वर्सेज

(The Satanic Verses)

ब्रिटिश-भारतीय लेखक सलमान रश्दी का उपन्यास "द सैटेनिक वर्सेज" भारत में प्रतिबंधित है। सितंबर 1988 में पहली बार प्रकाशित यह पुस्तक इस्लामिक पैगंबर मुहम्मद के जीवन से प्रेरित है।

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