हाई बीपी
अनकंट्रोल हाई बीपी को अक्सर हाई कोलेस्ट्रॉल से जोड़ा जा सकता है। आर्टरी में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से वो सख्त हो सकती हैं, जिससे रेजिस्टेंस बढ़ता है और बीपी बढ़ने लगता है।
सांस फूलना
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल या फेफड़ों में ब्लड फ्लो कम होने के कारण सांस लेने में समस्या हो सकती है। इस कारण ऑक्सीजन कई अंगों में न मिलने से सांस फूलने की समस्या होती है।
सीने में दर्द
सीने में दर्द या बेचैनी, जिसे एंजाइना भी कहा जाता है, ये हाई कोलेस्ट्रॉल का लक्षण हो सकता है। प्लाक बनने के कारण आर्टरी ब्लॉक होती हैं, तो यह दिल में ब्लड फ्लो को रोकती है।
थकान और कमजोरी
जब आर्टरी प्लाक से भर जाती हैं, तो ये अलग-अलग अंगों और मसल्स तक ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन के फैलाव को रोकती है, जिससे थकान महसूस होती है। यह भी हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत है।
स्किन पर पीले रंग का जमाव
ज्यादा कोलेस्ट्रॉल होने पर स्किन पर पीले रंग का जमाव दिखता है, जिसे जैंथोमास के रूप में जाना जाता है।
झनझनाहट महसूस होना
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से ब्लड फ्लो सही से नहीं होता है, इससे हाथों में झनझनाहट होने लगती है और पैर भी अक्सर सुन्न महसूस हो सकते हैं।