करगिल युद्ध के ये हैं 10 हीरो, जिन पर है देश को गर्व

By Ashutosh Ojha

कैप्टन विक्रम बत्रा 

हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में 1974 में जन्मे कैप्टन विक्रम बत्रा का नाम कारगिल युद्ध के उन वीर सपूतों में शुमार हैं जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। अपने शौर्य और बलिदान के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे।

मनोज कुमार पांडे 

करगिल युद्ध के हीरो नायक लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे का जन्म 25 जून 1975 को सीतापुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। 1/11 गोरखा राइफल्स के जवान पांडे ने दुश्मनों को खदेड़ते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

योगेंद्र सिंह यादव

नायब सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव ने देश की सेवा में अपनी जान की बाजी लगा दी। उत्तर प्रदेश में जन्मे योगेंद्र सिंह यादव को टाइगर हिल पर दुश्मन से लड़ते हुए अदम्य साहस दिखाने के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

सुल्तान सिंह नरवरिया

करगिल युद्ध के दौरान राजपुताना राइफल्स रेजीमेंट के जवान हवलदार सुल्तान सिंह नरवरिया ने अदम्य साहस का प्रदर्शन किया। 1960 में मध्य प्रदेश के भिंड में जन्मे सुल्तान सिंह को मरणोपरांत वीरचक्र से सम्मानित किया गया।

दिनेश सिंह भदौरिया

हवलदार दिनेश सिंह भदौरिया भी करगिल युद्ध का हिस्सा थे। मध्य प्रदेश के भिंड में जन्मे भदौरिया ने वीरता और साहस का परिचय देते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। मरणोपरांत उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया।

मेजर एम. सरावनन 

कारगिल युद्ध में मेजर एम. सरावनन के नेतृत्व में बिहार रेजिमेंट की प्रथम बटालियन ने जुब्बार पहाड़ी पर विजय प्राप्त की। नायक गणेश प्रसाद यादव, सिपाही प्रमोद कुमार और अन्य वीर जवानों ने इस विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मेजर राजेश सिंह अधिकारी- 1970 में उत्तराखंड के नैनीताल में जन्मे मेजर राजेश सिंह अधिकारी को करगिल युद्ध के दौरान उन्हें टोलोलिंग पहाड़ी पर कब्जा करने का जिम्मा सौंपा गया था। इस दौरान वे वीरगति को प्राप्त हुए। उन्हें मरणोपरांत उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गयाा।

लांस नायक करण सिंह- मध्य प्रदेश के भिंड जिले के वीर सपूत लांस नायक करन सिंह ने करगिल युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया। शहादत के लिए उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया।

राइफलमैन संजय कुमार - हिमाचल प्रदेश के राइफलमैन संजय कुमार ने करगिल युद्ध में मुशकोह घाटी के प्वाइंट 4875 पर दुश्मनों से अकेले लड़ाई लड़ी। जिसके लिए उन्हें परमवीर चक्र प्रदान किया गया।

मेजर विवेक गुप्ता

मेजर विवेक गुप्ता ने करगिल युद्ध के दौरान टोलोलिंग टॉप पर दुश्मन को खदेड़ने में अहम भूमिका निभाई। इस वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।

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