त्वचा (Skin)
गर्मी के कारण त्वचा पर रैशेज, सनबर्न और पसीने की वजह से जलन हो सकती है। त्वचा का ज्यादा तापमान में होना हीट रैश और हीट स्ट्रोक का कारण भी बन सकता है।
दिल (Heart)
हाई टेंपरेचर और उमस के कारण दिल पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है। गर्मी में शरीर को ठंडा रखने के लिए दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे दिल की धड़कन बढ़ जाती है और बीपी पर भी असर हो सकता है।
दिमाग (Brain)
हीट स्ट्रोक और हीट एग्जॉशन के कारण ब्रेन पर भी असर पड़ता है। ज्यादा गर्मी से सिरदर्द, चक्कर आना, वोमिटिंग आना और गंभीर मामलों में बेहोशी भी हो सकती है।
किडनी (Kidneys)
गर्मी में पसीने के कारण से शरीर से ज्यादा पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का नुकसान होता है, जिससे डीहाइड्रेशन का खतरा बढ़ता है। डीहाइड्रेशन किडनी पर बुरा असर डाल सकता है और किडनी स्टोन बनने का चांस भी बढ़ता है।
पाचन तंत्र (Digestive System)
गर्मी के कारण पाचन पर भी असर पड़ता है। हाई टेंपरेचर में खाना जल्दी खराब हो सकता है, जिससे फूड पॉइजनिंग और पेट की अन्य समस्याएं होती हैं। गर्मी के कारण भूख कम लगती है और डाइजेशन प्रोसेस स्लो हो जाता है।