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अगले 6 महीने 75 दिन अस्त रहेंगे बुद्धि-वाणी के देवता; जानें बुध अस्त का जीवन पर असर
Budh Ast 2024: वैदिक ज्योतिष के सबसे सबसे शुभ ग्रहों में एक बुध ग्रह अगले 6 महीनों में 75 दिन तक अस्त रहने वाले हैं। हालांकि 75 दिनों की यह अवधि एक साथ न होकर अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर महीनों के बीच में बंटी हुई है। बता दें कि ग्रह एक निश्चित अंतराल पर अस्त और उदय होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसका असर देश-दुनिया, मौसम, प्रकृति समेत सभी राशियों पर पड़ता है।
बता दें, जब बुध ग्रह सूर्य के बहुत करीब आ जाता है, तब सूर्य के तेज के सामने उसकी चमक कम हो जाती है। इस खगोलीय घटना को ज्योतिष शास्त्र में बुध अस्त या बुध तारा अस्त होना कहा जाता है। आइए जानते हैं, बुध किस महीने में कितने दिन अस्त रहेंगे और जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्र पर इसका क्या असर होगा?
किस महीने में कितने दिन अस्त रहेंगे बुध
अगस्त: साल 2024 के अगस्त महीने में बुध कुल 24 दिनों के लिए अस्त होने वाले हैं यानी अगस्त में वे केवल 7 दिनों के लिए उदित होंगे। वे रविवार 4 अगस्त की रात 8 बजकर 2 मिनट पर अस्त होंगे और बुधवार 28 अगस्त की सुबह 4 बजकर 57 मिनट पर उदित होंगे।
सितंबर- अक्टूबर: अगस्त के बाद बुध सितंबर और अक्टूबर में भी अस्त रहेंगे और यह अवधि सबसे लंबी 38 दिनों की होगी। सितंबर में बुध ग्रह शुक्रवार 20 सितंबर की सुबह 5 बजकर 27 मिनट पर अस्त होंगे और रविवार 27 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 27 मिनट पर उदित होंगे।
नवंबर-दिसंबर: बुध ग्रह नवंबर-दिसंबर के महीने में 13 दिन के लिए अस्त होने वाले हैं। वे शुक्रवार 29 नवम्बर की शाम 6 बजकर 16 मिनट पर अस्त होंगे और गुरुवार 11 दिसंबर की सुबह 6 बजकर 2 मिनट पर उदित होंगे।
बुध अस्त का जीवन पर प्रभाव
बुध अस्त के प्रभाव से स्टूडेंट्स जातकों की मानसिक क्षमताओं में कमी आ सकती है। उन्हें एकाग्रता में कमी, स्मरण शक्ति कमजोर होना और मानसिक थकान जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। वहीं व्यापार के क्षेत्र में कस्टमर की संख्या में कमी आने से व्यापार में गिरावट आ सकती है। इसका सीधा असर लाभ के मार्जिन पर पड़ेगा। जहां तक मैरिड जीवन और लव लाइफ की बात है, तो बुध अस्त के प्रभाव से रोमांस में कमी आने के योग हैं। लव लाइफ में झगड़े और मनमुटाव बढ़ सकते हैं। वहीं, पार्टनर के प्रति उदासीनता बढ़ने से रिश्तों में ठंडक आ सकती है। हेल्थ पर भी नेगेटिव असर होने के योग बन रहे हैं। पुराने रोगों के फिर उभरने से मन परेशान रहेगा।
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