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छठ पूजा पर आज श्रवण नक्षत्र का दुर्लभ संयोग, जानें कब दिया जाएगा सूर्य को अर्घ्य

Chhath Puja Surya Arghya Time: छठ पूजा के तीसरे दिन आज यानी 19 नवंबर 2023 को सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा। आइए जानते हैं सूर्यास्त का समय और आज बनने वाले श्रवण नक्षत्र के बारे में।
10:55 AM Nov 19, 2023 IST | Dipesh Thakur
छठ पूजा पर आज श्रवण नक्षत्र का दुर्लभ संयोग  जानें कब दिया जाएगा सूर्य को अर्घ्य
Chhath Puja Surya Arghya Time

Chhath Puja Surya Arghya Time Today: पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। ऐसे में आज शाम के समय अस्तालगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, आज यानी 19 नवंबर 2023 को संध्या अर्घ्य के दिन श्रवण नक्षत्र का भी खास संयोग बन रहा है। श्रवण नक्षत्र का शुभ संयोग आज पूरे दिन बना रहेगा, जिससे छठ पूजा का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। आइए जानते हैं कि आज शाम को किस समय अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और ज्योतिष शास्त्र में श्रवण नक्षत्र का क्या महत्व है।

आज सूर्य देव कब दिया जाएगा संध्या अर्घ्य

सनातन धार्मिक परंपरा के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि अस्ताचलगामी (डूबते हुए) सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। ऐसे में आज छठ पूजा के तीसरे दिन अस्त होते सूर्य को अर्घ्य समर्पित किया जाएगा। पंचाग के अनुसार आज 19 नवंबर 2023 को शाम 05 बजकर 26 मिनट पर सूर्यास्त होगा। ऐसे में इस वक्त ही सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा।

ज्योतिष में श्रवण नक्षत्र का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में भगवान विष्णु को श्रवण नक्षत्र का स्वामी बताया गया है। किसी भी जातक की कुंडली में श्रवण नक्षत्र उसके करियर और पेशे वाले 10वें भाव से संबंध रखता है। श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक परिश्रमी, कर्मठ और मल्टीटास्किंग माने जाते हैं। इसके अलावा इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने कार्यक्षेत्र में सफल होते हैं। दरअसल यह प्रभावशाली नक्षत्र इनके लिए सौभाग्य, समृद्धि और धन-वैभव लेकर आता है।

सूर्य देव को अर्घ्य देने का मंत्र

ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार आज संध्या काल में अस्ताचलगामी सूर्य को विशेष मंत्रों से अर्घ्य देने पर विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। मान्यता यह भी है खास मंत्रों से सूर्य देव को अर्घ्य देने से संतान प्राप्ति और उसकी निरोगी काया का भी वरदान प्राप्त होता है।

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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