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केतु की कुदृष्टि, 3 राशियों की जिंदगी में होगी उथल-पुथल, करें 2 उपाय
Ketu Rashifal: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, केतु एक रहस्यमय प्रवृत्ति का ग्रह हैं। ज्योतिष ग्रंथों में इसे छाया ग्रह, मायावी ग्रह आदि कहा गया है। मोक्ष, गुप्त विद्या, डॉक्टर (सर्जरी), कम्प्यूटर, नशा, छलकपट, चालाकी आदि इसके मुख्य कारक हैं। जून 2024 में इस ग्रह पर 5 ग्रहों की तिरछी दृष्टियां एक साथ पड़ेंगी, परिणाम-स्वरूप इसकी ऊर्जा बहुत बढ़ जाएगी, जो इसके प्रभाव में नकारात्मक विचलन पैदा कर देगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, केतु की कुदृष्टि के नकारात्मक असर से सभी राशियों में से 3 राशियां बहुत ज्यादा प्रभावित होंगी। आइए जानते हैं, ये 3 राशियां कौन-सी हैं और केतु के नेगेटिव असर को कम करने के क्या उपाय हैं?
केतु की कुदृष्टि का राशियों पर असर
मेष राशि:
केतु के नकारात्मक असर से मेष राशि के जातकों के मानसिक तनाव और चिंता में वृद्धि होने की आशंका है। त्वचा (स्किन) और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी होने के योग हैं। अपने निर्णय को लेकर भ्रम और संदेह हो सकता है। फिजूलखर्ची बढ़ने से आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं। व्यापार में धन हानि के योग हैं।
कर्क राशि:
इस राशि के जातकों पर केतु की कुदृष्टि से व्यवसाय और नौकरी में समस्याएं पैदा हो सकती हैं। अधिकारियों या बॉस से पटरी नहीं बैठने से काम और दिमाग दोनों पर असर पड़ेगा। अभी यात्राओं को टालें, क्योंकि बाधाएं बहुत ज्यादा आएंगी। छोटे-छोटे मुद्दों पर पारिवारिक कलह और विवाद पैदा हो सकते हैं।
तुला राशि:
इस राशि पर केतु का सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं गंभीर हो सकती हैं, जिसके महंगे इलाज से धन संकट बढ़ सकता है। आर्थिक नुकसान और व्यवसाय में बाधाएं आने से मानसिक तनाव और चिंता में अत्यधिक वृद्धि हो सकती है। रिश्तों में तनाव और मनमुटाव होने के प्रबल योग हैं। लाइफ पार्टनर से अनबन हो सकती है।
केतु शांति के उपाय
केतु एक छाया ग्रह हैं, न कि वास्तविक, जिससे निजात पाने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है, अपनी सोच को सकारात्मक रखना और अच्छे कर्म करते रहना। न केवल खुद के नकारात्मक विचारों से दूर रहें और बल्कि नकारात्मक सोच के लोगों से भी दूर रहें। इन सबके अलावा केतु की शांति के लिए आप ये उपाय भी कर सकते हैं:
केतु शांति पूजा: किसी अनुभवी ज्योतिष या पंडित से केतु की शांति के लिए विशेष पूजा करवाएं। पूजा के बाद केतु से संबंधित वस्तुओं (काले-नीले रंग के कपड़े, तिल, काला चना आदि) का दान करें।
केतु मंत्र का जाप: सुबह और शाम में केतु के प्रभावी मंत्र- 'ॐ नमः केतवे नमः' (Om Namaha Ketave Namaha), 'ॐ गुरुमूर्तये नमः' (Om Gurumurtaye Namaha) और 'ॐ राकेशाय नमः' (Om Rakeshaaya Namaha) का विधि पूर्वक जाप करें।
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