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Kundli Facts: क्या होती हैं ग्रहों की मूल त्रिकोण राशियां, क्यों मानते हैं शुभ, जानें जीवन पर असर
Kundli Facts: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रह अपनी उच्च राशि में सबसे ज्यादा मजबूत यानी बली होते हैं। इसके बाद कोई ग्रह अपनी मूल त्रिकोण राशि में मजबूत और बेहतर स्थिति में होते हैं। कह सकते हैं कि मूलत्रिकोण राशि कुंडली में ग्रह की दूसरी सबसे बलवान यानी मजबूत स्थिति है, जिसमें ग्रह अपनी शक्ति और प्रभाव का बेहतर और शुभ फल देते हैं। इसलिए कुंडली की मूल त्रिकोण राशि और उनमें स्थित ग्रह को शुभ माना जाता है।
ग्रहों की मूल त्रिकोण राशि
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक ग्रह की अपनी मूल त्रिकोण राशि होती है, जिसमें ग्रह अपने सकारात्मक फल को अधिक प्रभावशाली ढंग से जातक (व्यक्ति) को दे पाते हैं। मेष मंगल, कर्क चंद्रमा, सिंह सूर्य, कन्या बुध, तुला शुक्र, धनु गुरु और कुंभ शनि की मूल त्रिकोण राशि है। इसे आप यहां दिए गए चार्ट से स्पष्ट रूप से समझ सकते हैं।
ग्रह की मूल त्रिकोण राशि | ||
क्र.सं. | ग्रह | मूल त्रिकोण राशि |
1 | मंगल | मेष |
2 | चंद्र | कर्क |
3 | सूर्य | सिंह |
4 | बुध | कन्या |
5 | शुक्र | तुला |
6 | गुरु | धनु |
7 | शनि | कुम्भ |
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मूल त्रिकोण राशि केवल दृश्यमान यानी आंखों से दिखाई देने वालों ग्रहों की होती हैं। राहु और केतु छाया ग्रह हैं, जो अदृश्य होते हैं, इनकी कोई मूल त्रिकोण राशि नहीं होती है।
मूल त्रिकोण राशि में स्थित ग्रह का सामान्य फल
मूल त्रिकोण राशि में आरामदायक और मजबूत स्थिति में होने के कारण ग्रह विशेष शुभ फल देने में सक्षम होते हैं। हालांकि, यह ग्रहों के फल देने की शक्ति के अनुसार भिन्न-भिन्न होता है, लेकिन कुछ सामान्य फल सभी ग्रह प्रदान करते हैं।
- मूल त्रिकोण राशि में स्थित ग्रह व्यक्ति में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, रचनात्मकता जैसे गुणों को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
- ग्रहों के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में बहुत संघर्ष नहीं करना पड़ता है।
- मूल त्रिकोण राशि में स्थित ग्रह जातक को अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने में सक्षम होते हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता उच्च स्तर पर होती है।
- ग्रहों के शुभ असर से व्यक्ति में मानसिक शांति होती है और वे संतुष्ट जीवन जीते हैं।
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