whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Navratri 2022: नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा, यहां जानें कहानी

06:01 AM Sep 28, 2022 IST | Pankaj Mishra
navratri 2022  नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा  यहां जानें कहानी

Navratri 2022: नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि का आज तीसरा दिन है। नवरात्रि के तीसरे दिन माता के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा की मान्यता है। माता चंद्रघंटा असुरों के विनाश हेतु नवरात्रि की नौ देवियों में तीसरे रूप में अवतरित हुई थी। भयंकर दानवों को मारने वाली यह देवी हैं। असुरों की शक्ति को क्षीण करके, देवताओं का हक दिलाने वाली देवी चंद्रघंटा शक्ति का रूप हैं। शास्त्रों के ज्ञान से परिपूर्ण, मेधा शक्ति धारण करने वाली देवी चंद्रघंटा संपूर्ण जगत की पीड़ा को मिटाने वाली हैं।

Advertisement

अभी पढ़ें Navratri 2022: आप में भी आत्मविश्वास की कमी है तो ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा, फिर देखें फायदा

मां चंद्रघंटा मुख मंद मुस्कान से कान्तिवान, निर्मल, अलौकिक तथा चंद्रमा के बिम्ब प्रतीक सा उज्ज्वल है। ऐसा दिव्य स्वरूप देखकर भी महिषासुर ने देवी के अलौकिक स्वरूप पर प्रहार किया। उनके प्रेम, स्नेह का रूप तब भयंकर ज्वालामुखी की भांति लाल होने लगा, यह क्षण आश्चर्य से भरा हुआ था। उनके इस रूप का दर्शन करते ही महिषासुर भय से कांप उठा। उन्हें देखते ही दानव महिषासुर के प्राण तुरंत निकल गये। आखिर यमराज को देखकर भला कौन जीवित रह सकता है।

Advertisement

मां चंद्रघंटा की कथा (Chandraghanta Ki Katha)

बहुत समय पहले जब असुरों का आतंक बढ़ गया था तब उन्हें सबक सिखाने के लिए मां दुर्गा ने अपने तीसरे स्वरूप में अवतार लिया था। देवी चंद्रघंटा एक अद्भुत शक्ति का रूप हैं परमात्मस्वरूपा देवी चंद्रघंटा के प्रसन्न होने पर जगत का अभ्युदय होता है, जगत का समस्त क्षेत्र हरा भरा, पावन हो जाता है, परंतु देवी चंद्रघंटा के क्रोध में आ जाने पर तत्काल ही असंख्य कुलों का सर्वनाश हो जाता है। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार महिषासुर के राक्षस कुल का अंत देवी चंद्रघंटा ने क्षण भर में कर डाला। इस बात का अनुभव मात्र ज्ञानी जन ही कर सकते हैं।

Advertisement

अभी पढ़ें Navratri 2022: नवरात्रि का तीसरा दिन आज मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि समेत तमाम जानकारी

तेज़ तथा शक्तिस्वरूपा देवी चन्द्रघण्टा ने जैसे ही राक्षस समूहों का संहार करने के लिए धनुष को आकाश की ओर किया, वैसे ही देवी के वाहन सिंह ने भी दहाड़ना शुरू कर दिया और माता पुनः घण्टे के शब्द से उस ध्वनि को और बढ़ा दिया। इस धनुष की टंकार, सिंह की दहाड़ एवं देवी चंद्रघंटा का असुरों को नष्ट करने का साहस बढ़ता गया तथा महिषासुर का समस्त दानव कुल छीन भिन्न होकर मरता रहा।

अभी पढ़ें – आज का राशिफल यहाँ पढ़ें

(https://tokyosmyrna.com/)

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो