Vedic Jyotish: लव एट फर्स्ट साइट, रोमांस और लव मैरिज के लिए जिम्मेदार हैं ये 2 ग्रह!
Vedic Jyotish: वेदिक ज्योतिष में, प्रेम और विवाह जैसे भावनात्मक संबंधों को समझने के लिए ग्रहों की स्थिति और गोचर बेहद मायने रखती है। कमसिन उम्र में ही प्यार हो जाना या किसी देखते ही पहली नजर में फिदा होना, रोमांस, रिलेशनशिप और शादी के लिए वैदिक ज्योतिष के 9 ग्रहों में से 2 ग्रह बेहद महत्वपूर्ण माने गए हैं। ये दोनों ग्रह मिलकर जीवन में रोमांस, आकर्षण और भावनात्मक गहराई लाते हैं। ये दोनों ग्रह हैं, शुक्र और चंद्रमा। ज्योतिष मान्यता है कि ये दोनों ग्रह मिलकर जीवन में रोमांस, आकर्षण और भावनात्मक गहराई लाते हैं। इन दोनों ग्रहों का मानव जीवन में एक अद्वितीय स्थान है और इनकी स्थिति से लव, लव लाइफ और वैवाहिक जीवन को समझ सकते हैं। आइए जानते हैं, ये ग्रह हमारे प्रेम और विवाह जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं।
प्रेम और सुख के दाता हैं शुक्र
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र ग्रह प्रेम, आकर्षण और भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। शुक्र के कारण व्यक्ति आमतौर पर सुंदरता और काम सुख के प्रति एक विशेष आकर्षण महसूस करते हैं। यही कारण है यह ग्रह हमारे जीवन में रोमांटिक संबंधों को प्रभावित करता है और हमें दूसरों के प्रति आकर्षित होने की भावना देता है। काम सुख और चरमोत्कर्ष के लिए भी शुक्र को उत्तरदायी माना जाता है।
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कुंडली में शुक्र की मजबूत स्थिति लव मैरिज की संभावना को बढ़ाती है। यह ग्रह हमें अपने दिल की सुनने और प्रेम विवाह करने के लिए प्रेरित करता है। यदि शुक्र अपने शुभ स्थान पर स्थित होता है, तो लव मैरिज में सफलता की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही, विवाह के लिए बृहस्पति का योग भी चाहिए होता है। लेकिन जहां तक सुखमय और ऐश्वर्यशाली वैवाहिक जीवन की बात है, यह शुक्र के बिना संभव नहीं है।
दिल में भावनाएं भड़काता है चंद्रमा
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को भावनाओं, मन और हृदय का कारक यानी स्वामी और नियंत्रक ग्रह माना गया है। यह ग्रह हमारे मनोदशा को प्रभावित करता है और हमें भावुक बनाता है। चंद्रमा का प्रभाव व्यक्ति की भावनाओं को गहरा करता है, जिससे उसे अपने प्रिय के प्रति अधिक भावनात्मक जुड़ाव महसूस होता है। यह प्रेम में पागलपन और दिल से जुड़ी हर भावना को अभिव्यक्त करने में सहायक होता है।
चंद्रमा हमें प्रेम में जल्दी जुड़ने और भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस करने के लिए प्रेरित करता है। यह ग्रह "लव एट फर्स्ट साइट" जैसी भावनाओं को जन्म देता है। जब चंद्रमा मजबूत होता है, तो व्यक्ति दूसरों के साथ जल्दी भावनात्मक संबंध स्थापित कर सकता है। साथ ही यह भी जान लीजिए कि यह ग्रह हमें भावनात्मक रूप से अपने साथी से जुड़ने में मदद करता है। चंद्रमा का प्रभाव हमें एक स्थायी और सच्चे रिश्ते की ओर अग्रसर करता है।
इसलिए होता है बार-बार प्यार
शुक्र और चंद्रमा, प्रेम के दो पहलू हैं। शुक्र, प्रेम का बाहरी रूप है, जैसे कि आकर्षण, रोमांस और भौतिक सुख। वहीं, चंद्रमा प्रेम का आंतरिक रूप है, जैसे कि भावनात्मक गहराई, सुरक्षा और सहानुभूति। यह देखा गया है कि जब शुक्र और चंद्रमा एक साथ होते हैं, तो ये दोनों ग्रह मिलकर लव लाइफ में एक बेजोड़ संतुलन और गहराई लाते हैं। इनकी युति या दृष्टि रोमांटिक संबंधों को मजबूत बनाती है। जब इन दोनों ग्रहों बुध की शुभ दृष्टि पड़ती है, तो किसी को बेहद कम उम्र में प्यार हो सकता है। वहीं, जब बुध पीड़ित या कमजोर होकर शुक्र और चंद्रमा को दृष्ट करते हैं, तो किसी को बार-बार इश्क हो सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।