डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
क्या है वास्तु में 270 डिग्री का रहस्य... इस दिशा में रुपया-पैसा और धन रखने से हो जाता है दोगुना
Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व है। इस शास्त्र में बताई गई सभी 8 दिशाएं, चार मुख्य दिशा और चार उप-दिशा, अलग-अलग लाभ पहुंचाती है। उप दिशाओं को इस शास्त्र में कोण कहा गया है। आइए जानते हैं, वास्तु शास्त्र के 270 डिग्री का रहस्य, जहां कुछ रखने से वह दोगुना हो जाता है।
270 डिग्री का रहस्य क्या है?
कम्पास में दिशाओं का गिनती उत्तर दिशा से होती है यानी उत्तर, पूरब और दक्षिण और पश्चिम। कम्पास का जीरो डिग्री उत्तर दिशा बतलाता है, वहीं 90 डिग्री पूर्व, 180 डिग्री दक्षिण और 270 डिग्री पश्चिम को दर्शाता है। हमें इसी 270 डिग्री यानी पश्चिम दिशा के महत्व और उसके प्रभाव का लाभ उठाना है।
इच्छापूर्ति की पश्चिम है दिशा
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, पश्चिम दिशा में कुछ रखने से वह दोगुना हो जाता है। इसे हमारे विश फुलफिल्मेंट (Wish Fulfilment) यानी इच्छापूर्ति की दिशा कहा जाता है। यह लाभ और वृद्धि दिशा है। इस दिशा में आप जो रखेंगे, वह मल्टीप्लाई हो जाएगा यानी दोगुना हो जाएगा। किताब रखेंगे तो किताब दोगुना हो जाएगा, परफ्यूम की शीशी रखेंगे, तो उसकी शीशी दोगुनी हो जाएगी। इसका सीधा-सा मतलब यह है इस दिशा यदि आप रुपया-पैसा और धन रखेंगे, तो वो भी दोगुना हो जाता जाता है।
इस दिशा में रखें तिजोरी और सेफ
वास्तु शास्त्र के नियम के मुताबिक, पश्चिम दिशा में तिजोरी या सेफ रखना सबसे उत्तम होता है। तिजोरी और सेफ को यहां रखने से उसमें रखा धन दोगुना हो जाता है। इस शास्त्र के मुताबिक, इस दिशा के स्वामी वरुण हैं, जो जल और प्रवाह के देवता हैं। जबकि इस दिशा के स्वामी ग्रह शुक्र हैं, जो समृद्धि, सौभाग्य और सुख को बढाने वाले ग्रह हैं। यही कारण है कि इस दिशा को धन प्रवाह या धन आमद की दिशा कही जाती है।
270 डिग्री का पता कैसे लगाएं
270 डिग्री का पता लगाने के लिए आपको अपने मोबाइल फोन के एक ऐप कम्पास का इस्तेमाल करना होगा। यदि फोन में यह ऐप नहीं है, तो उस डाउनलोड कर लें। अपने घर के बीचोबीच कम्पास ऐप को ओपन करें। कम्पास में जहां 270 डिग्री दिखाएगी, वही असली पश्चिम दिशा है। आपको यहीं पर अपने तिजोरी, सेफ या धन रखने का अलमीरा रखना है। बस ध्यान ये रखना है कि उसका मुख उत्तर या पूर्व दिशा में खुलनी चाहिए।
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