Bajaj की पहली Ethanol पर चलने वाली बाइक अगले महीने होगी लॉन्च, जाने बड़ी बातें
Bajaj ethanol bike: देश की बड़ी टू-व्हीलर कंपनी बजाज ऑटो ने हाल ही में अपनी पहली CNG बाइक फ्रीडम 125 को बाजार में लॉन्च किया था जिसे खूब पसंद भी किया जा रहा है । CNG बाइक के बाद अब बजाज ऑटो के बार फिर सुर्खियों में आ गई है। अब खब ये आ रही है कि कंपनी 100 प्रतिशत इथेनॉल फ्यूल पर चलने वाली बाइक को लॉन्च करने जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले महीने नया मॉडल लॉन्च किया जा सकता है। इससे पहले TVS मोटर ने भी इथेनॉल फ़्यूल पर चलने वाली बाइक को पेश कर चुकी है। खैर आइये जानते हैं बजाज की नई इथेनॉल बाइक में क्या कुछ खास और नया देखने को मिलेगा।
सरकार भी दे रही है इथेनॉल फ्यूल को बढ़ावा
सरकार भी लगातार बीते कुछ सालों से देश में 100% इथेनॉल फ़्यूल पर चलने वाले वाहनों को बढ़ावा दे रही है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, अक्सर इथेनॉल फ़्यूल के बारे में बात करते हुए नज़र आते रहे हैं ताकि वातावरण को भी स्वस्थ्य बनाने में मदद मिले।
इथेनॉल फ्यूल क्या है ?
इथेनॉल इको-फ्रैंडली फ्यूल है और पर्यावरण को जीवाश्म ईंधन से होने वाले खतरों से सुरक्षित रखता है। इस फ्यूल को गन्ने से तैयार किया जाता है। कम लागत पर अधिक ऑक्टेन नंबर देता है और MTBE जैसे खतरनाक फ्यूल के लिए ऑप्शन के रूप में काम करता है। इथेनॉल फ्यूल को इस्तेमाल करने से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है। यह पेट्रोल की तुलना में अधिक स्वच्छ जलने वाला है. इथेनॉल कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन जैसे प्रदूषकों का कम उत्सर्जन पैदा करता है।
TVS पहले ही लॉन्च कर चुकी है इथेनॉल बाइक
बजाज से पहले टीवीएस ने कुछ साल पहले अपाचे RTR 200 4V E100 को भारत में लॉन्च किया था, जो 80% इथेनॉल और 20% पेट्रोल पर चलने वाली बाइक थी। लेकिन, TVS की इस बाइक को उतनी सफलता हासिल नहीं हो सकी, जिसकी उम्मीद की गई थी और बाद में इसे बंद करना पड़ा।
अब ऐसे में बजाज ऑटो पल्सर के नाम से इथेनॉल फ़्यूल वाली बाइक को बाजार में उतार देगी । इसकी एक बड़ी वजह भी है क्योंकि पल्सर, ब्रैंड का अब तक सबसे ज़्यादा सफल मॉडल रहा है और इसी नाम को कंपनी कैश करना चाहेगी। साथ ही पल्सर नाम ग्राहकों को अपनी ओर आसानी से आकर्षित भी करता है, जिसका फ़ायदा कंपनी को मिल सकता है।
इथेनॉल फ्यूल की डिमांड बढ़ी तो क्या होगा?
एक तरफ जहां इथेनॉल फ्यूल प्रदूषण से बचाता है लेकिन अगर भविष्य में इस फ्यूल की डिमांड बढ़ी तो गन्ने की फसल पर ज्यादा फोकस होगा। गन्ने की खेती में पानी काफी लगता है और फिलहाल सिंचाई की व्यवस्था अभी भी उतनी बेहतर नहीं है। ऐसे में बैलेंस बनाकर चलना होगा।
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