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Electric Car के 5 साइड इफेक्ट जान लें, खरीदने से पहले गौर करना जरूरी

Electric cars are bad: भारत में इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है लेकिन इन्हें ख़रीदने के बाद जो परेशानियां होती हैं, उनके बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं..
03:26 PM Jun 27, 2024 IST | Bani Kalra
electric car के 5 साइड इफेक्ट जान लें  खरीदने से पहले गौर करना जरूरी

Top Disadvantages of Electric Car: इस समय देश में इलेक्ट्रिक कारों को लेकर बाजार काफी गर्म है। नए-नए मॉडल लांच हो रहे हैं। सरकार के साथ कार कंपनियां भी इलेक्ट्रिक कारों को प्रमोट करने में लगी हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग EVs पर शिफ्ट हो सकें। इस समय किफायती मॉडल से लेकर प्रीमियम इलेक्ट्रिक कारों से बाजार सजा हुआ है। हर कोई इलेक्ट्रिक कारों की तारीफ कर रहा है। लेकिन यहां हम आपको इलेक्ट्रिक कारों की उन 5 परेशानियां के बारे में बता रहे हैं जो इन्हें खरीदने के बाद शुरू हो जाती हैं..

बंद नहीं कर सकते कार

पेट्रोल/डीजल कार का इंजन आप जरूरत पड़ने पर कभी भी बंद कर सकते हैं। जैसे लम्बी रेड पर या जाम में...इससे फ्यूल की बचत होती है। लेकिन इलेक्ट्रिक कारों के साथ ऐसा नहीं है... कार को बंद करने के लिए आपको बाहर निकलना ही पड़ेगा। और सोचिये अगर आप ट्रैफिक जाम में फंस गये या किसी बड़ी रेड लाइट पर अटक गये तो कार ऑन ही रहेगी...और इससे  बैटरी की खपत बढ़ जाएगी।

चार्जिंग स्टेशन की कमी

भले ही देश में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री लगातार बढ़ हो लेकिन अभी भी चार्जिंग स्टेशनों की बहुत कमी हैं। हालाकि सरकार और प्राइवेट कंपनियां लगातार इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन को बढ़ाने का काम कर रही हैं। लेकीन यह काम अभी भी बहुत धीमी रफ़्तार में है। अब ऐसे में अगर आपको लम्बी दूरी पर निकलना पड़े तो सोचना पड़ेगा।

चार्ज होने में लगने वाला समय

पेट्रोल/डीजल कारों में फ्यूल डलवाने में आपको 2-5 मिनट का समय लगता है... जबकि एक इलेक्ट्रिक कार को चार्ज होने में 5-8 घंटे का समय लगता है और इतना टाइम हर किसी के पास नहीं होता। उमीद की जा रही है फस्ट चार्जिंग की सुविधा हर मॉडल में मिले। फ़ास्ट चार्जिंग की सुविधा फिलहाल महंगी लग्जरी कारों में देखने को मिलती है।

ई-वेस्ट और प्रदूषण

इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल से वायु प्रदूषण में कमी तो आई है लेकिन हकीकत कुछ और है। इलेक्ट्रिक कार डायरेक्ट कार्बन का उत्सर्जन नहीं करते लेकिन बैटरी से वातावरण में नुकसानदायक गैस निकलती हैं। इन बैटरी के पूरी तरह से रिसाइकिल होने की कोई व्यवस्था अभी तक  नही है।

महंगा बैटरी पैक

किसी भी इलेक्ट्रिक कार में सबसे महंगा पार्ट उसकी बैटरी ही होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक Tata Nexon Ev की बैटरी 68 किलोमीटर पर खराब हो गई, कार मालिक जब इसे बदलवाने के लिए गया तो बैटरी की कीमत 7 लाख रुपये से ज्यादा  ज्यादा थी। महंगा बैटरी पैक भी एक बड़ी समस्या है।

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