Ratan Tata Death: Nano से लेकर जगुआर लैंड रोवर, रतन टाटा के सबसे बड़े फैसले
Ratan Tata’s Big decisions: देश के सबसे मशहूर उद्योगपति और टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। इस समय टाटा ग्रुप में 100 से ज्यादा कंपनियां हैं, जिनका टर्न ओवर करीब 3800 करोड़ से भी ज्यादा का है। रतन टाटा ने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया इतना ही नहीं ऑटो सेक्टर में भी उनके द्वारा लिए गए कई बड़े फैसले आज भी याद किये जाते हैं जो अब मिसाल के रूप में देखे जाते हैं। रतन टाटा की दूरदर्शिता, साहसिक फैसले उन्हें अलग और खास बनाते हैं।
Tata Nano
पहली कार का सपना हुआ पूरा शायद ही किसी ने सोचा होगा कि लाख रुपये में भी कार मिल सकती है। लेकिन यह काम सिर्फ रतन टाटा ही कर सकते थे। साल 2008 में दिल्ली में लगे ऑटो एक्सपो में एक रुपये में नैनो कार (Tata Nano) को लॉन्च करके इतिहास रच दिया। इस प्रोजेक्ट को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन रतन टाटा ने इसे साकार किया। Nano कार रतन टाटा के दिल के बेहद करीब थी। इस कार ने हर मिडिल क्लास को अपनी पहली कार खरीदने का सपना दिखाया और पूरा किया।
जगुआर और लैंड रोवर को खरीदा
बात, साल 1999 की है जब रतन टाटा ने फोर्ड के सामने टाटा मोटर्स बेचने का प्रस्ताव रखा, लेकिन अपमानजनक व्यवहार के बाद रतन टाटा ने अपना फैसला बदला। लेकिन समय बदला और 2008 में फोर्ड ने जैगुआर और लैंड रोवर को बेचने का निर्णय लिया, क्योंकि उस समय ये कंपनियां घाटे में चल रही थीं उस समय रतन टाटा ने इन दोनों कंपनियों को खरीद लिया।
यह केवल एक अधिग्रहण सिर्फ एक व्यावसायिक निर्णय नहीं था, बल्कि यह भारतीय व्यापार जगत के लिए सबसे बड़े गर्व की बात भी थी, इस समय जगुआर और लैंड रोवर भारत में सफल कार कंपनियां हैं। रतन टाटा ने भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जिसके लिए उरे देश को गर्व है।
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