देश में क्यों गिर रही है छोटी कारों की बिक्री, Maruti की कारों से ग्राहकों ने बनाई दूरी
कार कंपनियां हर साल कारों की कीमतों में 2-3 बार इजाफा करने लगी हैं, जबकि कुछ साल पहले तक साल में सिर्फ एक बार ही कारों की कीमतों में इजाफा किया जाता था। बार–बार कीमतें बढ़ने से सस्ती कारें भी महंगी होने लग गई हैं। कुछ साल पहले तक भारत में छोटी कारों की बिक्री सबसे ज्यादा होती थी। अकेले मारुति की ऑल्टो की ही 25,000 से ज्यादा यूनिट्स बिक जाती थी लेकिन यह अब घटकर 10,000 से कम रह गई है। ऑल्टो के अलावा अन्य छोटी कारों का भी यही हाल है। लगातार बिक्री का गिरना वाकई चिंता का विषय बन गया है। अब इसके पीछे कुछ कारण हैं जिनके बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं।
Maruti की छोटी कारों से ग्राहकों ने बनाई दूरी
बिक्री की बात करें तो Alto और Spresso की बिक्री लगातार गिर रही है। पिछले महीने (April) इन दोनों कारों की कुल 11,519 यूनिट्स की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल अप्रैल महीने में ही इन दोनों गाड़ियों की 14,110 यूनिट्स बिकी थी। इसके अलावा एक्सपोर्ट के मामले में भी हाल बुरा है। पिछले महीने मारुति ने इन दोनों कारों की सिर्फ 1625 यूनिट्स की बिक्री की थी जबकि बीते साल कंपनी में 2630 यूनिट्स को एक्सपोर्ट किया था।
इस बार WagonR की बिक्री में 14.15% की कमी देखने को मिली है। अप्रैल महीने कंपनी ने इसकी 17,850 यूनिट्स की बिक्री की थी जबकि पिछले साल अप्रैल महीने में कार की 20,879 यूनिट्स की बिक्री हुई थी। इसके अलावा Celero की बिक्री में भी लगातार बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।
पिछले महीने इस कार की 3220 यूनिट्स की बिक्री हुई थी जबकि साल 2023 के अप्रैल महीने में ही कंपनी ने इसकी कुल 4890 यूनिट्स की बिक्री की थी। मारुति की स्टाइलिश कार Ignis का क्रेज अब लगभग खत्म सा हो गया है। अप्रैल में कंपनी ने इसकी 1915 यूनिट्स की बिक्री की थी जबकि बीते साल अप्रैल में इस कार की 4,101 यूनिट्स की बिक्री हुई थी।
Renault Kwid का हुआ बुरा हाल
Renault Kwid अपने सेगमेंट की सबसे स्टाइलिश कार के नाम से जानी जाती है लेकिन अब धीरे-धीरे इसकी चमक भी फीकी पड़ रही है पिछले महीने केवल 977 यूनिट्स की ही बिक्री हुई थी जबकि इस पिछले साल कंपनी ने इसकी 1082 यूनिट्स की बिक्री की थी सबसे खराब प्रदर्शन तो एक्सपोर्ट के दौरान हुआ जब एक भी कार कंपनी एक्सपोर्ट ही नहीं कर पाई जबकि पिछले साल कंपनी ने केवल 45 कारों को एक्सपोर्ट किया था।
क्यों गिर रही है छोटी कारों की बिक्री
कार कंपनियां हर साल कारों की कीमतों में 2-3 बार तक इजाफा करने लगी हैं, जबकि कुछ साल पहले तक साल में सिर्फ एक बार ही कीमतों में इजाफा किया जाता था। बार–बार कीमतें बढ़ने से सस्ती कारें भी महंगी होने लग गईं। इतना ही नहीं अब एंट्री लेवल कारों के बेस मॉडल में भी दो एयरबैग्स एयर एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम जैसे फीचर्स मिलते हैं, और BS6 इंजन के आने से कारें काफी महंगी होने लग गई हैं।
अब एंट्री लेवल कार और प्रीमियम छोटी कारों की कीमतों में बहुत बड़ा अंतर रह नही गया है। दूसरी तरह सब कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट के आने से भी लोगों ने इन कारों से दूरी बन ली है। आने वाले समय में ग्राहकों की पहली पसंद कॉम्पैक्ट SUV ही होगा।
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