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बेलागंज उपचुनावः PK के दांव से मुस्लिम वोटों में लगेगी सेंध! RJD के लिए किला बचाने की चुनौती

Bihar Bypolls: बिहार उपचुनाव में बेलागंज सीट पर प्रशांत किशोर के मोहम्मद अमजद ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। इस सीट पर अमजद के सामने आरजेडी के विश्वनाथ कुमार सिंह और जेडीयू की मनोरमा देवी की चुनौती होगी।
02:53 PM Nov 06, 2024 IST | Nandlal Sharma
बिहार में प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी का ये पहला इम्तिहान है। फाइल फोटो
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Bihar Bypolls: बिहार में 4 सीटों पर उपचुनाव की जंग जारी है। प्रशांत किशोर की पार्टी इन चुनावों में चारों सीट पर जोर आजमाइश कर रही है, लेकिन बेलागंज में पार्टी का दावा सबसे मजबूत है। यहां से मोहम्मद अमजद के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। इस सीट पर मोहम्मद अमजद का मुकाबला राजद के विश्वनाथ कुमार सिंह और जेडीयू के मनोरमा देवी से होगा। बेलागंज सीट आरजेडी की परंपरागत सीट रही है और यहां से सुरेंद्र यादव लगातार जीतते रहे हैं, लेकिन प्रशांत किशोर के मोहम्मद अमजद को टिकट देने से माहौल में गर्मी आ गई है। उनके सामने सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ कुमार सिंह चुनावी मैदान में हैं।

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बेलागंज सीट पर AIMIM के मोहम्मद जामिन अली हसन भी मैदान में हैं। साल 1990 के चुनाव के बाद से ही आरजेडी के सुरेंद्र यादव इस सीट से जीतते रहे हैं। इस दौरान सिर्फ 1998 के उपचुनाव में महेश यादव इस सीट से जीते थे। ऐसे में विश्वनाथ सिंह के सामने अपने पिता की विरासत को बचाने का सवाल है। आरजेडी के पास कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों का भी समर्थन है। वहीं जेडीयू एनडीए का हिस्सा है। एनडीए में बीजेपी के साथ चिराग, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा का भी गठबंधन है।

2020 का चुनावी परिणाम

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में आरजेडी के सुरेंद्र प्रसाद यादव को 79,708 वोट मिले थे। वहीं इस सीट से दूसरे नंबर पर रहे जेडीयू के अभय कुमार सिन्हा को 55,745 वोट मिले थे। लोजपा के रामाश्रय शर्मा को 12,005 वोट मिले थे। बेलागंज में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 88 हजार से ज्यादा है। यहां पुरुष वोटरों की संख्या 1 लाख 50 हजार से ज्यादा है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 37 हजार से ज्यादा है।

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जनसुराज से मोहम्मद अमजद मैदान में

जनसुराज के उम्मीदवार मोहम्मद अमजद 2010 में जदयू के टिकट पर बेलागंज से चुनाव लड़ चुके हैं। मोहम्मद अमजद को उस समय जेडीयू के टिकट पर 48,441 वोट मिले थे। इससे पहले 2005 में भी उन्होंने जेडीयू और लोजपा गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ा था। 2020 के चुनावी परिणाम को देखें तो मोहम्मद अमजद के मुकाबले में आने के बाद मुस्लिम वोट में सेंध लगने की आशंका बढ़ गई है।

बेलागंज का उपचुनाव प्रशांत किशोर की राजनीति के लिए काफी अहम है। राजनीतिक पार्टी बनाने के बाद प्रशांत किशोर और जनसुराज की चार सीटों पर पहली चुनावी परीक्षा है। पीके लगातार कैंपेनिंग कर रहे हैं और आरजेडी के साथ नीतीश कुमार पर भी हमलावर हैं। देखना होगा कि जनसुराज को इन उपचुनावों में कैसा समर्थन मिलता है।

2010 का चुनावी परिणाम

साल 2010 के विधानसभा चुनाव रिजल्ट को देखें तो सुरेंद्र प्रसाद यादव को 53,079 वोट मिले थे। वहीं जेडीयू के मोहम्मद अमजद को 48,441 वोट मिले थे। एसएचएस के बबलू रविदास 8,942 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस के अजामी बारी 2,710 वोटों के साथ चौथे नंबर पर रहे थे। बसपा के मोहम्मद शहरूद्दीन 1,943 वोट के साथ चौथे नंबर पर थे।

जेडीयू की मनोरमा देवी

बेलागंज उपचुनाव में जेडीयू ने मनोरमा देवी को चुनाव मैदान में उतारा है। वह दिवंगत नेता बिंदेश्वरी प्रसाद यादव की पत्नी हैं। 2005 के बाद राजनीति में आयीं मनोरमा देवी दो बार एमएलसी रह चुकी हैं। हालांकि 2020 में वह अतरी से चुनाव लड़ीं, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। नीतीश कुमार ने उन्हें एक बार फिर उपचुनाव में मौका दिया है।

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