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Bihar: जल्द मैथिली को मिलेगा शास्त्रीय भाषा का दर्जा! नीतीश सरकार ने भेजा केंद्र को प्रस्ताव

Maithili Will Soon Get The Status Of A Classical Language: नीतीश सरकार ने मैथिली को शास्त्रीय भाषा की लिस्ट में शामिल करने की मांग करते हुए केंद्र को प्रस्ताव भेजा है।
06:15 PM Nov 19, 2024 IST | Deepti Sharma
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Maithili Will Soon Get The Status Of A Classical Language

Maithili Will Soon Get The Status Of A Classical Language: बिहार की नीतीश सरकार ने मैथिली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग करते हुए केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। बिहार के शिक्षा विभाग ने मैथिली को शास्त्रीय भाषा की लिस्ट में शामिल करने की मांग की है।

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जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मैथिली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से इसके संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों को बल मिलेगा। साथ ही मिथिला और बिहार की भाषाई विरासत का सम्मान होगा। बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है।

संजय कुमार झा ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार द्वारा केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह को लिखे गए पत्र की कॉपी साझा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस कदम पर सभी मिथिलावासी की ओर से वह सीएम नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करते हैं।

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शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र

शास्त्रीय भाषाओं में शामिल होने के बाद मैथिली के प्राचीन ग्रंथों में निहित ज्ञान को दुनिया को अवगत कराया जा सकेगा। उन्होंने पिछले महीने दिल्ली में परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी स्थायी संसदीय समिति की बैठक के दौरान संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों से भी इस संबंध में बात की थी।

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि मैथिली पूर्वोत्तर बिहार के लाखों लोगों की मातृभाषा है। इसका प्रभाव बिहार और नेपाल के क्षेत्र में 30 हजार वर्ग मील में फैला हुआ है। साथ ही झारखंड के भी कई जगहों पर यह भाषा बोली जाती है। मैथिली इंडो-आर्यन भाषा परिवार के सदस्य के रूप में एक समृद्ध लिपि परंपरा है। इसमें मिथिलाक्षर (तिरहुत), कैथी, देवनागरी और नेवारी जैसी लिपियां शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि मैथिली को केंद्र सरकार ने 2003 में संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया था। आज मैथिली भाषा न केवल शिक्षा का जरिए है, बल्कि शासन और प्रशासन की भाषा भी बन गई है। अब मैथिली शास्त्रीय भाषा का दर्जा पाने के लिए सभी जरूरी मापदंडों को भी पूरा करती है। इसका इतिहास 2000 साल पुराना है, जो ऋग्वेद युग तक जाता है।

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