बाबा सिद्दीकी की हत्या से बिहार में भी मातम, सोशल मीडिया पर अक्सर शेयर करते थे गोपालगंज की यादें
पटना से अमिताभ ओझा की रिपोर्ट।
Bihar Mourns Baba Siddique Murder: मुंबई में समाज सेवा और राजनीति करने वाले कद्दावर नेता बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी की मौत से मुंबई से लेकर बिहार तक शोक की लहर है। मुंबई की राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र मे अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले बाबा सिद्दीकी बिहार के रहने वाले थे। बिहार के गोपालगंज मे उनका पैतृक गांव है।
बाबा सिद्दीकी का जन्म 1956 में पटना में हुआ था। वे बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले थे। गोपालगंज के मांझा प्रखंड के शेखटोली गांव में बाबा सिद्दीकी का परिवार रहता था। कुछ साल पहले उन्होंने अपने बचपन को याद करते हुए फेसबुक पर पोस्ट भी किया था। बाबा सिद्दीकी ने 25 जून 2020 को फेसबुक पर कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था, मेरे पिताजी का जन्म बिहार गोपालगंज मांझा में हुआ था, मुझे मांझा में बचपन की यादें हैं। इसके अलावा भी अक्सर बाबा सिद्दीकी सोशल मिडिया पर बिहार से जुडी यादें और तस्वीरें साझा करते रहते थे। 68 वर्षीय राजनेता बाबा सिद्दीकी का लंबा राजनीतिक जीवन रहा है।
कुछ ऐसा रहा राजनीतिक जीवन
बिहार से मीलों दूर मायानगरी में आकर बसने वाले बाबा सिद्दीकी का दशकों बाद भी बिहार से जुड़ाव खत्म नहीं हुआ था। सितंबर, 1956 में जन्म के बाद बाबा ने छात्र जीवन से ही सियासत की शुरुआत कर दी थी। 1977 में बाबा सिद्दीकी कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) से जुड़े थे। बाद में यूथ कांग्रेस से जुड़ गए। साल 1992 में वह मुंबई महानगरपालिका के पहली बार काउंसलर चुने गए। 1999 में वह पहली बार बांद्रा वेस्ट निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के एमएलए बने थे। इसके बाद 2004 और 2009 में भी इसी सीट से चुने गए थे। वह महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी रहे। लगातार 48 साल तक कांग्रेस में रहने वाले बाबा सिद्दीकी 12 फरवरी 2024 को अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो गए।
बिहार के गोपालगंज से ताल्लुक रखते थे सिद्दीकी
बांद्रा पश्चिम से विधायक रह चुके बाबा सिद्दीकी सियासत से फुर्सत पाने के बाद बिहार जाते रहते थे। बाबा दो साल पहले ही 2022 में बिहार गए थे। बिहार के गोपालगंज में जन्मे बाबा सिद्दीकी किशोरावस्था और युवावस्था के दौरान वे अपने पिता के साथ घड़ी रिपेयरिंग का काम करते थे। इसके बाद जब उनके पिता मुंबई आए तो वे भी परिवार के साथ मुंबई आ गए। बाबा सिद्दीकी की शादी शेहजीन सिद्दीकी से हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। एक बेटी अर्शिया सिद्दीकी और एक पुत्र जीशान सिद्दीकी। बेटा जीशान सिद्दीकी वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं। बाबा सिद्दीकी का पुश्तैनी घर माझा ब्लॉक के शेख टोली गांव में है। उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती पांच साल इसी गांव में गुजारे थे।
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बिहार से ताल्लुक़ रखने वाले एनसीपी के बड़े लीडरान में शामिल बाबा सिद्दीकी साहब के क़त्ल की ख़बर बेहद ग़मज़दा कर देने वाली है।वह एक ज़िन्दादिल इंसान थें।
पाक परवरदिगार से दरखास्त है कि उन्हें जन्नत-उल-फ़िरदौस में उंचा मुकाम दें और उनके चाहने वालों को सब्र अता करें।@Dev_Fadnavis…— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) October 12, 2024
आरजेडी-जेडीयू से रहे मधुर संबंध
पिछले साल पटना में बाबा सिद्दीकी कांग्रेस की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे। बाबा सिद्दीकी के जेडीयू और आरजेडी के दिग्गज नेताओं के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। यही कारण था कि 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर अटकलें का बाजार गर्म था कि बाबा सिद्दीकी बिहार से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। 2022 में राज्यसभा के लिए आरजेडी से बाबा सिद्दीकी को टिकट मिलने की काफी चर्चा हुई थी।
महाराष्ट्र के वरीय नेता बाबा सिद्दक़ी की हत्या का समाचार बेहद दुखद है। परवरदिग़ार से इल्तिजा है कि मरहूम को जन्नत में आला मक़ाम दें और परिजनों को सब्र और हिम्मत। महाराष्ट्र में NDA शासन में लगातार हो रही ऐसी आपराधिक घटनाओं को क्या नाम देंगे?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 12, 2024
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वहीं, बाबा सिद्दीकी की हत्या पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने शोक संवेदना प्रकट की है। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लिखा, महाराष्ट्र के वरीय नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या का समाचार बेहद दुखद है। महाराष्ट्र में एनडीए शासन में लगातार हो रही ऐसी आपराधिक घटनाओं को क्या नाम देंगे?"