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फाइनल हो गया मुजफ्फरपुर मेट्रो प्रोजेक्ट का रूट! दो कॉरिडोर में बनेंगे 20 स्टेशन, जानें डिटेल

Bihar Muzaffarpur Metro Project Route Final: बिहार से मुजफ्फरपुर मेट्रो प्रोजेक्ट का सर्विस का रूट फाइनल हो गया है। इस रूट के तहत दो कॉरिडोर में 20 स्टेशन्स होंगे।
03:29 PM Dec 15, 2024 IST | Pooja Mishra
फाइनल हो गया मुजफ्फरपुर मेट्रो प्रोजेक्ट का रूट  दो कॉरिडोर में बनेंगे 20 स्टेशन  जानें डिटेल

Bihar Muzaffarpur Metro Project Route Final: बिहार से मुजफ्फरपुर मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। दरअसल, इस प्रोजोक्ट के तहत मेट्रो रेल सर्विस का रूट फाइनल हो गया है। 21.25 किलोमीटर लंबे इस रूट पर दो कॉरिडोर में 20 स्टेशन्स होंगे। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक की औसतन 1060 मीटर यानी एक किलोमीटर होगी। इसमें से 8 स्टेशनों के बीच एक किमी से भी कम दूरी होगी। इस प्रोजोक्ट को लेकर शनिवार को अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई गई। इस बैठक में राइट्स ने पीपीटी के जरिए मुजफ्फरपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के एलाइनमेंट और स्टेशन के बारे में जन प्रतिनिधियों को विस्तार से समझाया है।

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मुजफ्फरपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के 2 कॉरिडोर

बैठक में बताया कि मेंट्रो प्रोजेक्ट के कॉरिडोर-1 की लंबाई 13.85 किमी होगी। कॉरिडोर-1 में हरपुर बखरी से रामदयालु के बीच 13 स्टेशन होंगे। जिसमें हरपुर बखरी, सिपाहपुर, अहियापुर, जीरोमाइल चौक, चकगाजी, दादर चौक, बैरिया बस स्टैंड, चांदनी चौक, विशुनदत्तपुर, भगवानपुर चौक, गोबरसही, खबड़ा और रामदयालुनगर स्टेशन शामिल होंगे। कॉरिडोर-2 में SKMCH से मुजफ्फरपुर रेलवे जंक्शन के बीच कुल 7 स्टेशन होंगे, जिसमें SKMCH, शहबाजपुर, जीरोमाइल चौक, शेखपुर, अखाड़ाघाट, कंपनीबाग रोड और मेट्रों स्टेशन रहेंगे। कॉरिडोर-2 की लंबाई 7.40 किमी होगी। वहीं दोनों कॉरिडोर की लाइन जीरोमाइल से होकर गुजरेगी। यहां पर दोनों कॉरिडोर से जुड़े 2 स्टेशन बनाएं जाएंगे।

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5359 करोड़ रुपये का खर्च

मुजफ्फरपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले इन दोनों कॉरिडोर के निर्माण में 5359 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। अगले महीने से डीपीआर बनाने का काम शुरू हो जाएगा। इसको बनाने में 3 से 4 महीने का समय लगेगा। अगर एलिवेटेड लाइन या स्टेशन बनाने की उम्मीद रखते हैं तो अंडरग्राउंड मेट्रो के काम का खर्च 3 गुना बढ़ जाता है। पूर्व नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने बताया कि पटना मेट्रो को लेकर पहले प्रस्ताव में तकनीकी चूक हुई थी।

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