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बिहार का अनोखा शिव भक्त ...झोपड़ी में रहने वाले भक्त ने बनाया 16 मंजिला भव्य मंदिर

Bihar News: बिहार का शिव भक्त ने झोपड़ी में रहकर बनाया 16 मंजिला मंदिर - एक मजदूर की अद्भुत कहानी जो आपको प्रेरित करेगी। कैसे एक साधारण आदमी ने अपने समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति से एक भव्य मंदिर का निर्माण किया।
02:13 PM Aug 28, 2024 IST | Devansh Shankhdhar
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Bihar News: बिहार के समस्तीपुर जिले में एक अनोखे शिव भक्त की चर्चा जोरों पर है। यह कोई अमीर व्यक्ति नहीं, बल्कि एक साधारण मजदूर शिवशंकर महतो हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और गाढ़ी कमाई से 16 मंजिला शिव मंदिर का निर्माण किया है। शिवशंकर महतो समस्तीपुर के रोसड़ा के लालपुर गांव के निवासी हैं, और उनका यह मंदिर राज्यभर में श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन गया है।

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शिव मंदिर का निर्माण: मेहनत और समर्पण की कहानी

Bihar News: शिवशंकर महतो ने 101 फीट ऊंचे इस भव्य मंदिर के निर्माण के लिए अपनी मेहनत से कमाए हुए 51 लाख रुपये खर्च किए। 2007 में अपने गांव लौटने के बाद, उन्होंने इस मंदिर का निर्माण शुरू किया। साल 2012 तक मंदिर के ढांचे का काम उनकी खुद की कमाई से चला, लेकिन जब पैसे खत्म हो गए तो उन्होंने चंदा इकट्ठा करना शुरू किया।

शिवशंकर महतो का दावा है कि भगवान शिव और मां पार्वती ने उन्हें सपने में दर्शन दिए, जिसके बाद उनका जीवन बदल गया। मजदूरी और सेंटरिंग कॉन्ट्रैक्टर के रूप में काम करने के बाद, उन्होंने अपने काम-धंधे को छोड़कर पूरी तरह से मंदिर निर्माण में खुद को समर्पित कर दिया।

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मंदिर की भव्यता और पूजा-अर्चना

लालपुर गांव में स्थित इस 16 मंजिला मंदिर में शिव, पार्वती, हनुमान, कार्तिक, गणेश और काल भैरव की प्रतिमाएं स्थापित हैं। मंदिर में इन सभी देवताओं की पूजा-अर्चना होती है। यह मंदिर न सिर्फ शिवशंकर महतो के समर्पण का प्रतीक है, बल्कि गांव के लोगों और उनके परिवार की मदद से संभव हो पाया है।

मंदिर के पास साधारण जीवन

शिवशंकर महतो आज भी मंदिर के पास एक साधारण खपड़ैल की झोपड़ी में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके चार बेटे और एक बेटी हैं। महतो बताते हैं कि मंदिर के निर्माण में उनके परिवार और गांव वालों का पूरा सहयोग मिला है। अब शिवशंकर महतो का जीवन भगवान शिव की पूजा और मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने में ही व्यतीत हो रहा है।

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समर्पण और आस्था की मिसाल

शिवशंकर महतो का यह भव्य मंदिर न सिर्फ उनकी आस्था और समर्पण की कहानी कहता है, बल्कि यह साबित करता है कि सच्ची श्रद्धा और लगन से कुछ भी संभव है।

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