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बिहार के दो दोस्त एक साथ बने जज, एक मां ने लिया कर्ज; दूसरी ने कोर्ट में काम कर बेटे को पढ़ाया

BPSC Civil Judge Result 2024: बिहार लोक सेवा आयोग की न्यायिक सेवा परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। औरंगाबाद जिले के दो दोस्त एक साथ जज बने हैं। जिसके बाद परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है। एक शख्स के पिता ब्रेड और अंडे बेचते हैं। दूसरे के पिता प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं।
09:22 PM Nov 29, 2024 IST | Parmod chaudhary
बिहार के दो दोस्त एक साथ बने जज  एक मां ने लिया कर्ज  दूसरी ने कोर्ट में काम कर बेटे को पढ़ाया

BPSC Civil Judge Result: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की न्यायिक सेवा परीक्षा के नतीजों का ऐलान कर दिया गया है। औरंगाबाद के दो दोस्तों ने एक साथ जज बनकर मिसाल कायम की है। कड़ी मेहनत के दम पर दोनों दोस्तों ने सफलता हासिल की है। आदर्श कुमार ने 120वीं और अनुपम कुमार ने 151वीं रैंक पाई है। दोनों ने कहीं से कोचिंग नहीं ली। आदर्श के पिता ब्रेड-अंडे का ठेला लगाते हैं। मां ने सेल्फ हेल्प ग्रुप से लोन लेकर बेटे को पढ़ाया। वहीं, अनुपम के पिता प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं। मां ग्राम कचहरी में नौकरी करती हैं। दोनों ने पटना की चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से 2022 में LLB की है। अब दोनों एक साथ जज बने हैं, जिसकी चर्चा पूरे जिले में हो रही है।

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एक साथ शुरू की थी तैयारी

दोनों बचपन के दोस्त हैं। दोनों का सपना शुरू से ही जज बनने का था। 2017 में दोनों ने एक साथ CLAT का पेपर दिया था। एक साथ ही यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। एक साथ ही 2022 में परीक्षा की तैयारी शुरू की थी। दोनों को 2024 में एक साथ ही सफलता मिली। आदर्श के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। पिता विजय साव की शिवगंज बाजार में ब्रेड-अंडे की दुकान है। आदर्श की दो बड़ी बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। उनका छोटे भाई राजू बीएड कर चुके हैं।

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घरवालों ने कमजोर आर्थिक स्थिति के बाद भी बेटे को पढ़ाने में कसर नहीं छोड़ी। मां सुनैना देवी ने बेटे के लिए लोन भी लिया था। अब बेटे की सफलता पर परिवार को गर्व है। माता-पिता सोचते थे कि बेटा वकील बनकर परिवार को पालेगा। लेकिन अब बेटे ने जज बनकर उनका नाम रोशन कर दिया है। आदर्श ने बताया कि अगर मेहनत से पढ़ाई की जाए तो सफलता निश्चित तौर पर मिलती है।

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पिता बोले-बेटे ने पहचान बदली

अनुपम के पिता प्रिंटिंग प्रेस चलाने के साथ किसानी भी करते हैं। मां संजू देवी एरकीकला ग्राम कचहरी में सचिव की नौकरी करती हैं। उनका छोटा भाई शुभम बीबीए कर रहा है। छोटी बहन खुशबू एमसीए कर रही है। पिता अशोक कहते हैं कि बेटे ने उनकी पहचान बदल दी। पहले लोग प्रिंटिंग प्रेस संचालक के तौर पर जानते थे। अब उनको जज का पिता कहेंगे। मां अपने बेटे की सफलता पर खुश हैं। वे कहती हैं कि बेटे ने उनका नाम रोशन कर दिया। दोनों की सफलता साबित करती है कि साधारण परिवार के बच्चे भी मेहनत के दम पर बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर सकते हैं।

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