बिहार पहुंची ED, विधायकों से जुड़े इस मामले की करेगी जांच
Bihar MLA Horse Trading: बिहार में नीतीश सरकार के विश्वास मत के दौरान विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में शामिल लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दरअसल, इस मामले की जांच अब पीएमएलए एक्ट के तहत ईडी को सौंप दी गई है। ईडी की दिल्ली इकाई ने पूरे मामले को अपने हाथो में ले लिया है। जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जांच एजेंसी जल्द इस केस में कोई गिरफ्तारी करेगी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), अहमदाबाद जोनल कार्यालय ने उन मर्चेंट आईडी के विरुद्ध धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत दिनांकः 20.03.2024 को बेंगलुरु और पुणे स्थित पैसा जमा करने वालों(पेमेंट एग्रीगेटर्स) के 06 परिसरों में तलाशी अभियान चलाया जिनका प्रयोग दानी…
— ED (@dir_ed) March 23, 2024
मंत्री पद लालच और 10 करोड़ रुपये दिए
जानकारी के अनुसार बिहार में 28 जनवरी को सत्ता परिवर्तन हुआ था। इसके बाद 12 फरवरी को विश्वास मत के दौरान विधायकों की खरीद फरोख्त का मामला सामने आया था। जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने इस मामले में एनडीए विधायकों को मंत्री पद और 10-10 करोड़ रुपये का प्रलोभन देने का आरोप लगाते हुए कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की थी। मामले की जांच पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई को दी गई थी। अब केस ईडी को सौंप गया है।
EOU को ये मिले थे साक्ष्य
जानकारी के अनुसार ईडी को भेजी रिपोर्ट में EOU ने इस मामले में इंजीनियर सुनील द्वारा बड़ी रकम के लेन-देन के साक्ष्य सौंपे हैं। इसके अलावा एफआईआर में पूर्व एमएलसी सुबोध राय और उनके सहयोगियों पर भी धन शोधन का आरोप है। ईडी के पास केस आने के बाद अब इस मामले की जांच में तेजी आने की उम्मीद है। उम्मीद है कि जांच एजेंसी जल्द इस केस में कोई गिरफ्तारी करेगी।
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यह भी जानें
पुलिस सुत्रों के अनुसार मामले में बिहार के अलावा झारखंड और नेपाल के कुछ लोगों के शामिल होने के साक्ष्य हैं। इन लोगों ने गैर कानूनी रूप से धन शोधन किया, जिसका इस्तेमाल विधायकों की खरीद-फरोख्त में किया गया। मामले में दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पार्टी विधायकों को 5 करोड़ रुपए एडवांस और 5 करोड़ रुपए बाद में देने का ऑफर दिया गया था। इसके अलावा जेडीयू विधायक की तरफ से पैसों के अलावा मंत्री पद लालच दिया गया था।
इनपुट: अमिताभ कुमार ओझा