दोनों पैर कटे, 7 घंटे दर्द से तड़पता रहा...फिर भी नक्लसलियों से लड़ा जांबाज, पढ़ें शौर्य चक्र विजेता की बहादुरी की कहानी
Shaurya Chakra Awardi Bibhor Kumar Singh (अजय कुमार सिंह, कैमूर): जवानों पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया। जवान ने अपने दोनों पैरा गंवा दिए, लेकिन अपने साथियों को कुछ नहीं होने दिया। अंधाधुंध फायरिंग हुई, IED ब्लास्ट किए गए, लेकिन जवान विभोर सिंह ने हिम्मत नहीं हारी। धमाके में उसके दोनों पैर बुरी तरह चोटिल हो गए। फिर भी 7 घंटे नक्सलियों से लड़ता रहा। CRPF के वीर जवान सहायक कमांडेंट विभोर सिंह को उनकी बहादुरी के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। बीते दिन राष्ट्रपति भवन में अलंकार समारोह में उन्हें शौर्य चक्र प्रदान किया गया। आइए उनकी शौर्य गाथा के बारे में बात करते हैं...
CRPF officer Vibhor Singh got Shaurya Chakra 🙏🙏
Lost leg😟but never giveup#gallantaryaward #CRPF #commandend #crpfvibhor pic.twitter.com/x5c6qYR8b1— Rahat Iftekhar( راحت افتخار) (@Rahatiftkhar) July 5, 2024
घायल होने के 7 घंटे बाद अस्पताल पहुंचे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कैमूर जिले के कुदरा गांव निवासी विभोर सिंह को साल 2022 में हुए नक्सली हमले में अपने दोनों पैरा गंवा दिए थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनकी बहादुरी, वीरतापूर्वक देश सेवाओं और साहसी कार्यों के लिए शौर्य चक्र 2024 प्रदान किया। CRPF की 205 कोबरा बटालियन के सहायक कमांडेंट विभोर सिंह 25 फरवरी 2022 को नक्सली हमले में घायल हुए थे। करीब 7 घंटे नक्सलियों से भिड़ने के बाद जब उन्हें अस्पताल लाया गया तो उनके पैरा बुरी तरह जख्मी थे। उन्हें सैन्य अस्पताल से दिल्ली एम्स रेफर किया गया था, लेकिन डॉक्टर उनके दोनों पैर नहीं बचा सके, लेकिन उनकी बहादुरी के आगे नक्सलियों को पीछे हटना पड़ा।
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अपने साथियों को सुरक्षित जगह पहुंचाया
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान विभोर की औरंगाबाद जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में उनकी ड्यूटी थी। 25 फरवरी 2022 को घने पहाड़ी जंगलों में पत्थरों के बीच वे अपनी टीम के साथ सर्च ऑपरेशन चला रहे थे, लेकिन घात लगाए बैठे नक्सलियों ने उनके और उनकी टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की। गोला बारूद फेंके और IED ब्लास्ट किए। एक IED उनके पास आकर गिरा और ब्लास्ट हो गया। इससे उनके दोनों पैर चोटिल हुए, लेकिन उन्होंने हथियार नहीं छोड़े। दर्द से तड़पते हुए खून बहने पर भी कवर फायरिंग देते हुए अपनी पूरी टीम को उस खतरनाक परिस्थिति से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले आए। विभोर सिंह केंद्रीय अर्धसैनिक बलों से सैन्य पदक विजेता बनने वाले इकलौते अधिकारी हैं। विभोर सिंह ने मई 2017 में CRPF जॉइन की थी।