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जीतन सहनी मर्डर केस 8 घंटे में कैसे सुलझा? 70 साल के बुजुर्ग चीर दिया था पेट, बाहर निकली हुई थी आंतें

Mukesh Sahani Murder Case Update: बिहार पुलिस ने जीतन सहनी मर्डर केस 8 घंटे में सुलझा लिया। 3 सुराग हाथ लगे, CCTV में आरोपी दिखे, जिन्हें डिटेन करके पूछताछ की तो हत्या की वजह भी पता चल गई। आइए जानते हैं कि कैसे और क्यों की गई हत्या?
01:19 PM Jul 17, 2024 IST | Khushbu Goyal
जीतन सहनी मर्डर केस 8 घंटे में कैसे सुलझा  70 साल के बुजुर्ग चीर दिया था पेट  बाहर निकली हुई थी आंतें
जीतन सहनी की हत्या क्यों और किसने की?

Jitan Sahani Murder Case Inside Story(अमिताभ कुमार ओझा): बिहार पुलिस ने आखिरकार जीतन सहनी मर्डर केस सुलझा ही लिया। केस की जांच कर रहे दरभंगा SSP जग्गूनाथ रेड्डी की SIT ने 4 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। जीतन सहनी के घर के बाहर लगे CCTV कैमरे में चारों युवक घर के अंदर जाते नजर आए। SP काम्या मिश्रा के नेतृत्व में बनी SIT ने चारों युवकों के हिरासत में लेकर पूछताछ की। डॉग-स्क्वॉड और FSL की टीम ने वारदातस्थल की जांच की और फिंगरप्रिंट लिए। अब संदिग्ध युवकों के DNA से सैंपल मिलाए जाएंगे, ताकि पुख्ता सबूत जुटाकर कोर्ट में पेश किए जा सकें।

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DNA रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी, लेकिन चारों युवकों ने पूछताछ में कुछ खुलासे किए, जिनके अनुसार जीतन सहनी की हत्या पैसों के लेन-देन में गई। डिटेन किए गए चारों लोगों में से 2 ने मृतक जीतन से ब्याज पर पैसे लिए थे। एक ने अपन बाइक जीतन के पास गिरवी रखी हुई थी। 2 लोगों की जीतन से बहस हुई थी और उन्होंने उसे सबक सिखाने की धमकी दी थी। इसलिए पुलिस को इन्हीं चारों लोगों पर जीतन की हत्या करने का शक है, लेकिन बड़ी बात यह है कि सिर्फ 8 घंटे की जांच में पुलिस ने इस केस को सुलझा लिया।

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जांच के दौरान SIT को 3 सुराग मिले

SSP जग्गूनाथ रेड्डी के अनुसार, एक लाश, मेज पर रखे 3 ग्लास और खून से सने पांव के निशान, सिर्फ यही सबूत पुलिस के हाथ लगे। बंद कमरे के अंदर बेड पर 70 साल के जीतन सहनी की क्षत विक्षत लाश पड़ी थी। पेट चीरा हुआ था, आंतें बाहर निकली हुई थीं। शरीर पर 10 से ज्यादा जख्मों के निशान थे। वारदातस्थल पर मंजर कुछ ऐसा था कि देखकर रूह कांप जाए। पुलिस के लिए यह ब्लाइंड केस था, लेकिन चुनौती बड़ी थी, क्योंकि मृतक बिहार के पूर्व मंत्री के पिता थे। हत्या की खबर से दिल्ली तक हड़कंप मच गया था, लेकिन जांच के लिए बनी SIT ने महज 8 घंटे में इस कांड को न सिर्फ सुलझा लिया, बल्कि घटना में शामिल आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया।

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हत्या करके लूटपाट दिखाने की कोशिश हुई

बिहार के दरभंगा जिले के बिरौल के सुपौल बाजार स्थित अफजला गांव में मंगलवार सुबह पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश साहनी के पिता 70 वर्षीय जीतन साहनी की लाश उनके घर में मिली। उनको मारने के बाद भी हत्यारों ने धारदार हथियार से वार किए थे। मौके पर जब पुलिस की टीम पहुंची तो जांच में प्रथम दृष्टि में मामला लूटपाट के दौरान हत्या का लगा, लेकिन हत्या करने के तरीके और जख्म को देखकर मामला कुछ और निकला। तलाश के दौरान घर के पीछे के हिस्से में स्टील का बॉक्स मिला, लेकिन उस पर ताला लगा था। इससे साफ हो गया कि हत्या के बाद मामले को चोरी और लूट का रंग देने की कोशिश हुई थी, लेकिन एक बड़ा सुराग फॉरेंसिक टीम को तब मिला।

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जहां लाश मिली, उस कमरे का गेट अंदर से बंद था

फोरेंसिक टीम को कमरे के पीछे के हिस्से में बिना दरवाजे वाली खिड़की की रेलिंग पर खून के निशान मिले, जो फुट प्रिंट थे। ऐसे निशान कई जगह मिले। इससे साफ हो गया कि हमलावरों की संख्या 2 से ज्यादा थी। जहां लाश पड़ी थी, वहां एक टेबल पर खाली ग्लास मिले, जिससे यह अंदाजा लगा कि वारदात से पहले शराब भी पी गई थी। इन खाली ग्लास की जांच में 3 अलग-अलग फिंगर प्रिंट मिले। यह पुलिस के लिए एक बड़ा सुराग था। एक बड़ी बात यह थी कि जिस शख्स ने सबसे पहले लाश देखी थी, उसने बताया था कि कमरे का गेट अंदर से बंद था। इसलिए पीछे खिड़की के रास्ते जाकर देखा था तो खून से सने पांव के निशान मिले, यानि हत्यारे दरवाजे से बाहर निकलने की बजाय खिड़की से भागे थे।

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10 जुलाई की रात धमकी देकर गए थे युवक

SP काम्या मिश्रा के नेतृत्व में एक SIT बनाई, जिसमें DSP और 3 थानेदार थे। जांच शुरू हुई तो पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली कि मृतक जीतन साहनी मछली व्यवसाय के अलावा ब्याज के पैसों का लेन-देन का काम भी करते थे। इसी चक्कर में गांव के 2 युवकों से विवाद भी हुआ था। युवक अफजला गांव के मुस्लिम परिवार के थे। पिछले कई दिन से इन लोगों के साथ पंचायती चल रही थी। जांच करते हुए जीतन साहनी के घर के बगल में स्थित एक दुकान में लगे CCTV चेक किए तो 10 जुलाई की रात 10 बजे के करीब लड़कों का एक झुंड जीतन साहनी के घर के पास रुका। उनमें से कुछ लड़के जीतन साहनी के घर में गए थे, जबकि अन्य बाहर ही सड़क पर थे। ऐसा लग रहा था कि सभी ताजिये के अखाड़े से लौट रहे थे।

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युवक घर में गए, लेकिन बाहर आते नहीं दिखे

पुलिस के अनुसार, कुछ देर के बाद सभी लड़के वहां से लौट जाते हैं। इस फुटेज के आधार पर SIT की टीम उन लड़कों की तलाश में जुट जाती है, जो उस दिन दिखे थे। उन युवकों के बारे में भी पता चला, जिनसे जीतन साहनी का लेन-देन का विवाद चल रहा था। पुलिस को एक और CCTV फुटेज मिला, जो 15 जुलाई की रात का था, जिसमें रात 11 बजे के करीब 4 युवक जीतन साहनी के घर में जाते हुए तो दिखते हैं, लेकिन बाहर आते नजर नहीं आए। इन सभी युवको को पहचान कर इनके मोबाइल का लोकेशन घटना के वक्त का निकाला गया तो शक यकीन में बदल गया। इन चारों को मंगलवार की रात अलग- अलग स्थानों से पुलिस ने धर दबोचा और पूछताछ की।

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नौकरों ने बताई थी धमकी दिए जाने की बात

SP काम्या मिश्रा के अनुसार, घटना स्थल से मिले एविडेंस और मोबाठल सर्विलांस के आधार पर हिरासत में लिए गए युवकों को गिरफ्तार किया गया। ग्रामीणों से पूछताछ में यह भी पता चला कि जीतन साहनी अपने नये आलीशान घर में रहने की बजाय, वहां से 50 फीट की दूरी पर स्थित अपने अर्धनिर्मित मकान में रहते थे। पत्नी मीना देवी के निधन के बाद उनका अधिकांश समय उसी मकान में गुजरता था। उसी में उनका गोदाम भी था। गांव के लोगों के साथ वहीं उनकी बैठक लगती थी। 2 नौकर थे, जो दिनभर देखभाल करके खाना बनाकर अपने घर चले जाते थे। उनसे भी पूछताछ की गई तो पता चला कि लड़कों ने उन्हें धमकी दी हुई थी। इस एंगल से जांच आगे बढ़ी और केस सुलझा लिया गया।

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