चुनाव 2024खेलipl 2024वीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीipl 2023भारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

Lalu Yadav Birthday: कुएं में फेंक दिया हींग वाले का झोला, JP ने 200 रुपये दिये तो खूब रोए, पढ़ें अनछुए किस्से

Lalu Prasad Yadav Birthday Special: बिहार के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री लालू यादव आज 77वां जन्म दिन मना रहे हैं। जेपी के आंदोलन से लेकर सत्ता के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे लालू यादव का जीवन किस्सों से भरा पड़ा है। ऐसे में न्यूज 24 उनके जन्म दिन पर आपके लिए लाया है उनके जीवन से जुड़े अनछुए किस्से।
02:39 PM Jun 11, 2024 IST | Rakesh Choudhary
लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन आज
Advertisement

Lalu Prasad Yadav Birthday Special: बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव आज अपना 77वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस अवसर पर आरजेडी कार्यकर्ताओं ने पूरे बिहार में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है। इससे पहले बीती रात लालू ने अपने परिवार के साथ जन्मदिन का केक काटा। इस दौरान पत्नी राबड़ी देवी, तेजप्रताप यादव, रोहिणी आचार्य, तेजस्वी यादव समेत पार्टी के आला नेता मौजूद रहे। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं लालू यादव के जीवन से जुड़े वे किस्से जो आम लोगों को कम ही पता है।

Advertisement

Pic Credit- Google

लालू यादव का जन्म 11 जून 1948 को हुआ था। उन्होंने पटना विवि में एक छात्र नेता के तौर पर राजनीति में प्रवेश किया। 1973 में पटना विवि के छात्रसंघ अध्यक्ष बने। साल 1977 में वे मात्र 29 साल की आयु में जनता पार्टी के टिकट पर छपरा से सबसे कम उम्र के लोकसभा सांसद चुने गए। इसके बाद लालू यादव ने जनता पार्टी छोड़ दी और राजनारायण के नेतृत्व वाली जनता दल एस में शामिल हो गए। इसके बाद 1980 में छपरा से फिर लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन उन्हें इस चुनाव में हार मिली। 1980 में उन्होंने पहली बार बिहार के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। 1990 तक लालू यादव स्वयं को बिहार में यादव और निचली जातियों के नेता के तौर पर स्थापित कर चुके थे।

Pic Credit- Google

Advertisement

ऐसे बने मुसलमानों के हिमायती

1989 में भागलपुर हिंसा के बाद लालू यादव मुसलमानों के सबसे बड़े हिमायती बनकर सामने आए। इस दौरान वे युवाओं के बीच भी काफी लोकप्रिय हो गए। इसके बाद 1990 में बिहार में जनता दल सत्ता में आया और वे बिहार के सीएम बने। 1993 में उन्होंने यूपी में मुलायम सिंह यादव की अंग्रेजी हटाओ नीति के विरूद्ध जाकर बिहार की सभी स्कूलों में अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य कर दिया। 1997 में चारा घोटाला सामने आने के बाद जनता दल एस में बगावत हो गई।

Pic Credit- Google

ऐसे बनाई खुद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल

इसके बाद लालू जनता दल एस से अलग हो गए और उन्होंने नए दल राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया। लालू 1998 के चुनाव में जीते लेकिन 1999 के चुनाव में शरद यादव से हार गए। इसके बाद वे 2000 में राज्यसभा पहुंचे। इसके बाद बिहार में 2002 में राबड़ी देवी की अगुवाई वाली सरकार बनी। इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनावों में लालू यादव की पार्टी ने बिहार में 21 सीटों पर जीत दर्ज की और यूपीए सरकार में रेल मंत्री बने। इसके बाद वे लगातार 2014 तक यूपीए सरकार में मंत्री रहे।

Pic Credit- Google

आडवाणी की रथ यात्रा रुकवाकर करवाया गिरफ्तार

लालू यादव के जीवन पर कई किताबें लिखी गई है। उन्होंने स्वयं अपने जीवन पर एक आत्मकथा रायसीना टू गोपालगंज भी लिखी है। लालू ने सीएम रहते लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा को समस्तीपुर में रुकवाकर उन्हें गिरफ्तार करवा दिया था। उनके इस फैसले की चर्चा आज भी होती है। साल 1990 से 1997 में उनके सीएम रहते बिहार में चारा घोटाला हुआ। जिसमें उनकी भी भूमिका सामने आई। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और 25 जुलाई 1997 को पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का सीएम बनाया। इस प्रकार राबड़ी बिहार की पहली महिला सीएम बनी।

Pic Credit- Google

बपचन की स्कूल का नाम भी बदलवा दिया था

लालू यादव ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने जीवन से जुड़ा एक किस्सा बताते हुए कहा कि पटना में पढ़ाई के दौरान वे जेपी के संपर्क में आए। उन दिनों जेपी का छात्र आंदोलन चरम पर था। इस दौरान लालू को भी जेल जाना पड़ा। इस दौरान जेपी ने उनको कदमकुआं वाले घर पर बुलाया। उस दौरान उन्होंने बातों-बातों में मेरी आर्थिक स्थिति के बारे में पूछा। मैंने उन्हें आर्थिक स्थिति के बारे में बताया तो उन्होंने तुंरत अपनी दराज से 200 रूपये निकालकर मुझे दे दिए। इसके बाद मेरी आंखों से आंसू निकल आए।

सीएम बनने के बाद लालू यादव ने पटना के मिलर हाईस्कूल का नाम बदलवा दिया। इस फैसले के बारे में बताते हुए उन्होंने लिखा कि उन्हें स्कूल के मूल नाम से कोई समस्या नहीं थी लेकिन मैंने स्कूल का नाम बिहार के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी देवीपद चौधरी के नाम पर कर दिया। सबसे दिलचस्प बात यह थी कि देवीपद चौधरी भी मिलर स्कूल में पढ़े थे।

Pic Credit- Google

ऐसे पहुंचे थे पटना

गांव से प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद लालू यादव आगे की पढ़ाई के लिए पटना आ गए लेकिन पटना पहुंचने का किस्सा बड़ा ही दिलचस्प है। लालू के गांव में एक हींग बेचने वाला आया था। इस दौरान उन्होंने चुपके से हींग वाले का झोला पास ही स्थित कुएं में फेंक दिया। इसके बाद गांव में हंगामा हुआ तो परेशान मां ने बड़े भाई मुकुंद राय के साथ उन्हें भी पढ़ाई के लिए पटना भेज दिया।

Pic Credit- Google

पटना में पढ़ाई के दौरान प्रिसिंपल नंदकिशोर सहाय से जुड़ा एक किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है। उन्होंने अपनी आत्मकथा में बताया कि जब मैंने अपने प्रिंसिपल से कहा कि मैं गरीब परिवार से हूं और मेरे पास किताबें और स्टेशनरी के पैसे नहीं हैं तो उन्होंने निर्धन कोष से मेरे लिए स्काॅलरशिप की व्यवस्था कर दी। इसके बाद मैं हर रोज 5 किमी. पैदल चलकर स्कूल जाता था।

ये भी पढ़ेंः UP के लिए BJP की रणनीति; बड़े फैसले लिए जाएंगे, छूटेंगे कई साथ! जानें क्या है प्लान?

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, AAP से तोड़ा गठबंधन

ऊपर दिए गए सभी किस्से उनकी आत्मकथा Gopalganj To Raisina से लिए गए हैं।

Advertisement
Tags :
Bihar NewsBirthdayLalu Prasad Yadavrjd
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement