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पीके की नीतीश पर एक और भविष्यवाणी, बोले - मेरे बयान के बाद INDIA छोड़ NDA में भागे

Prashant Kishor Tells Future Of Nitish Kumar : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर एक और भविष्यवाणी की है। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश ने एनडीए में शामिल होने का फैसला मेरे बयान के बाद लिया था। अब प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की है कि साल 2025 में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश की जदयू कितनी सीटें जीत पाएगी।
01:27 PM Mar 07, 2024 IST | Gaurav Pandey
पीके की नीतीश पर एक और भविष्यवाणी  बोले   मेरे बयान के बाद india छोड़ nda में भागे
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को लेकर एक और भविष्यवाणी की है।

Prashant Kishor Tells Future Of Nitish Kumar : जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है। पीके ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि मैंने नीतीश कुमार के बारे में 4 से 5 महीने पहले कहा था कि अगर वह महागठबंधन से चुनाव लड़ेंगे तो उनको 5 लोकसभा सीट भी नहीं मिल पाएंगी। नीतीश कुमार मेरी बात सुनने के बाद डर के मारे महागठबंधन से भाग गए। उन्हें समझ में आ गया था कि अगर प्रशांत किशोर कह रहा है तो सच में जदयू को लोकसभा की 5 सीटें भी नहीं मिलेंगी।

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नीतीश कुमार को लेकर की अब यह भविष्यवाणी

पुरानी भविष्यवाणी याद दिलाने के साथ पीके ने नीतीश के लिए एक और भविष्यवाणी भी कर दी। उन्होंने कहा कि आप लिखकर रख लीजिए कि नीतीश कुमार चाहे जिस गठबंधन का हिस्सा बनें, भाजपा के साथ लड़ें, महागठबंधन में शामिल हो जाएं या अकेले ही चुनावी मैदान में उतरें, साल 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनके विधायकों की संख्या 20 से कम ही रहेगी। पीके ने यह भी कहा कि अगर जदयू के 20 से ज्यादा विधायक आए तो मैं बिहार की जनता से माफी मांग लूंगा। बिहान की जनता इतनी बेवकूफ नहीं है। जनता ने उन्हें राज्य का विकास करने के लिए वोट दिए थे लेकिन उन्होंने केवल पलटी मारने का काम किया।

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चुनाव से ठीक पहले एनडीए में चले गए थे नीतीश

बता दें कि लंबे समय तक कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी महागठबंधन इंडिया का हिस्सा रहने के बाद नीतीश कुमार ने अचानक इससे नाता तोड़ लिया था और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बन गए थे। नीतीश ने साल 2020 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़कर जीता था। इसके बाद उन्होंने लालू प्रसाद यादव की राजद से हाथ मिलाकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। इसके बाद बीती 28 जनवरी को वह फिर भाजपा के खेमे में आ गए थे। उनके इस कदम की राजद नेता तेजस्वी यादव समेत कई विपक्षी नेताओं ने कड़े शब्दों में आलोचना की थी लेकिन नीतीश कुमार को इन सबसे कुछ फर्क पड़ता नहीं दिखा है।

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