झूठी खबरें, फर्जी वीडियो, FIR-जेल...कौन हैं YouTuber मनीष कश्यप और BJP ने क्यों बनाया अपना?
Manish Kashyap Youtuber Bihar Profile: बिहार के मशहूर यूट्यूबर मनीष कश्यप ने भाजपा जॉइन कर ली है। उन्होंने आज दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान उनकी मां भी उनके साथ थीं। उन्हें सांसद और भाजपा प्रत्यायाी मनोज तिवारी ने सदस्यता दिलाई। इस दौरान अनिल बलूनी और संजय मयूख भी मौजूद रहे।
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की तारीफ की।उन्होंने कहा कि वे हमेशा से PM मोदी के समर्थक रहे हैं। उन्हें भाजपा की नीतियां और काम करने का तरीका काफी पसंद है। इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा से ऑफर आएगा। देर से ही ऑफर मिला और उन्होंने स्वीकार कर लिया।
मनीष कश्यप ने कहा कि भाजपा और PM मोदी ने उनका साथ तब दिया, जब वे मुश्किल में थे, इसलिए आज यहां उनके साथ हूं। जब मैं जेल में था और मेरी मां संघर्ष कर रही थी, तब किसने साथ दिया? मेरी मां अच्छे से जानती है कि किसने साथ दिया था। इसलिए मां ने कहा था कि चाहे कुछ हो मनोज भैया की बात नहीं काटनी।
क्यों भाजपा ने बनाया मेंबर?
दरअसल, मनीष कश्यप ने पश्चिमी चंपारण से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। वे भाजपा उम्मीदवार संजय जयसवाल को कड़ी टक्कर दे रहे थे। उनकी लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने मनीष को अपना बनाने का दाव खेला।
सैन्य अधिकारी के बेटे, लड़ चुके चुनाव
मनीष कश्यप मशहूर यूट्यूबर हैं। उनके करीब 2 मिलियन फॉलोअर्स हैं। वे अपने यूट्यूब चैनल पर अकसर वीडियो अपलोड करके सामाजिक मुद्दों पर सवाल उठाते हैं। उनका असली नाम त्रिपुरारी तिवारी है। वे सोशल सर्विस भी करते हैं। वे बिहार के पश्चिमी जिले के चंपारण में जन्मे थे और 9 मार्च 1991 को उनका जन्मदिन है। उनका घर बेतिया के महनवा डुमरी गांव में है।
मनीष के पिता इंडियन आर्मी में हैं। उन्होंने पुणे से पढ़ाई की और वे इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग करने के बाद नौकरी भी की, लेकिन साल 2016 में अपना उन्होंने नौकरी छोड़कर यूट्यूब चैनल बना लिया। मनीष कश्यप बिहार विधानसभा चुनाव 2020 लड़ चुके हैं। उन्होंने चनपटिया विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे।
मनीष कश्यप पर कई केस दर्ज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मनीष कश्यप के खिलाफ कई केस दर्ज हैं। एक महीना पहले उनके खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज हुआ था। उन पर पूर्वी चंपारण के 2 इलाकों में बिना परमिशन चुनाव प्रचार करने का आरोप लगा था। इसके अलावा उनके खिलाफ उनके यूट्यूब वीडियो के मामले में केस दर्ज हो चुके हैं। मनीष राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत साल 2023 में गिरफ्तार भी हो चुके हैं।
उनके खिलाफ बेतिया जिले में 7 केस दर्ज हैं। उन पर भाजपा विधायक से मारपीट करने का आरोप हैं। विधायक ने उन पर जान से मारने का आरोप भी लगाया था। इसके अलावा उन पर एक बैंक मैनेजर से मारपीट करने का भी आरोप लगा है। बैंक मैनेजर से मारपीट मामले में उनकी कुर्की-जब्ती भी हुई थी। विवाद बढ़ने पर मनीष कश्यप ने पुलिस स्टेशन जाकर आत्मसमर्पण किया था और उन्हें जेल में रहना पड़ा था। वे कई मामलों में जमानत पर चल रहे हैं।