25 स्टूडेंट और 40 लाख का एक प्रश्नपत्र, NEET-UG Paper Leak मामले में बिहार पुलिस ने खोल दी सारी पोल
Bihar Police on NEET-UG Paper Leak: (अमिताभ कुमार ओझा, पटना) नीट यूजी परीक्षा मामले में पटना पुलिस ने अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। जब कि पूरे बिहार में दूसरे के बदले परीक्षा देने वाले आठ मुन्ना भाई को भी हिरासत में लिया गया है। लेकिन अब तक की जांच में जो सबसे बड़ा तथ्य सामने आया है वो है कि नीट यूजी का प्रश्न पत्र लीक किया गया था। पटना में 15-20 स्टूडेंट्स को प्रश्न पत्र दिया गया और आंसर शीट को रटवाया गया था। अगले दिन परीक्षा में हू ब हू वही सवाल आये थे। इस पेपर लीक मामले में संलिप्त गिरोह के बारे में भी पुख्ता जानकारी मिली है जो पहले भी पेपर लीक मामले में शामिल रहे है। 'बाप बेटे' का यह गिरोह देश के कई राज्यों में पेपर लीक कांड का आरोपी है। हालांकि अभी तक परीक्षा को संचालित करने वाली संस्था एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ) ने प्रश्न पत्र लीक होने की पुष्टि नहीं की है।
लीक हुआ था पेपर?
बता दें कि पांच मई को पूरे देश में नीट यूजी की परीक्षा हुई थी। देशभर के 571 शहरों में 4750 केन्द्रो पर यह परीक्षा आयोजित की गई थी। मगर पांच मई को जब परीक्षा चल रही थी उसी दौरान झारखंड से लेकर बिहार तक कई गिरफ्तारियां हुईं। इस मामले में पटना के शास्त्रीनगर थाने में FIR दर्ज की गई थी और 13 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। FIR और गिरफ्तार आरोपी के बयानों से पता चलता है की नीट यूजी का प्रश्नपत्र लीक किया गया था।
पूर्णिया जिले के मुधबनी थानांतर्गत एक निजी स्कूल में दूसरे छात्र के स्थान पर NEET (UG) 2024 की परीक्षा देते 4 फर्जी परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया गया।
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कौन है पेपर लीक माफिया?
आरोपियों में एक परीक्षार्थी आयुष का भी नाम शामिल है। आयुष के अनुसार 4 मई को पटना के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के एक लॉज में उसके अलावा 25 परीक्षार्थियों को प्रश्न और उतर देकर रटवाया गया था। जो प्रश्नपत्र और उत्तर दिए गए परीक्षा में भी वही आए थे। जांच में सामने आया है कि नालंदा का संजीव सिंह उर्फ संजीव मुखिया, रॉकी, नीतीश और अमित आनंद ने यह प्रश्नपत्र और उत्तर उपलब्ध कराया था। नालंदा का संजीव मुखिया पुराना परीक्षा माफिया रहा है। उसके बेटे डॉ शिव को पिछले 20 अप्रैल को ही BPSC पेपर लीक मामले में उज्जैन से एक महिला साथी के साथ गिरफ्तार किया गया था। जब कि संजीव मुखिया को नीट यूजी का प्रश्नपत्र लीक कराने के आरोप में 2016 में उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में वह जमानत पर बाहर आ गया।
पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लिया
पुलिस की मानें को आरोपियों ने अधिकारी बनकर पुलिस को चकमा देने की कोशिश भी की। लेकिन पूछताछ के बाद उन्होंने अपना नाम सिकंदर यादवेंदु,अखिलेश कुमार और बिट्टू कुमार बताया। कार की तलाशी के क्रम में चार नीट अभ्यर्थी अभिषेक कुमार, शिवनन्दन कुमार, आयुष राज और अनुराग यादव के एडमिट कार्ड मिले जो पटना के अलग अलग सेंटरों पर परीक्षा दे रहे थे। इनमे आयुष बोर्ड कॉलोनी स्थित परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दे रहा था। जिसके बाद सबसे पहले पुलिस ने आयुष राज को हिरासत में लिया। आयुष राज ने स्वीकार किया की उसे 4 मई की रात ही प्रश्नपत्र और उत्तर दिए गए थे।
कटिहार जिले के कोढ़ा थानांतर्गत कॉलासी कैंप में दूसरे छात्र के स्थान पर NEET (UG) 2024 की परीक्षा देते 7 फर्जी परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया गया।
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40 लाख में बिका एक प्रश्नपत्र
गौरतलब है कि सिकंदर यादवेंदु पेशे से इंजिनियर है और बरामद की गई कार भी उसी की है। बिट्टू ने खुद को सिकंदर का ड्राइवर बताया जब कि उसका पुराना रिकॉर्ड रहा है। बिट्टू को दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने नीट पीजी का प्रश्न पत्र लीक मामले में गिरफ्तार किया था। सिकंदर ने बताया की उसे प्रश्नपत्र रॉकी ने दिया था। प्रति स्टूडेंट 40 लाख रुपया में सौदा तय हुआ था। रॉकी और नालंदा संजीव मुखिया के साथ काम करते है। इनके साथ नीतीश और अमित आनंद भी शामिल हैं।
कैसे काम करता था गिरोह?
रॉकी प्रश्नपत्र देता था जब कि बाकी सदस्य पैसा देने वाले परीक्षार्थी की तलाश करने से लेकर उत्तर रटवाने का काम करते थे। पुलिस ने दानापुर के एक फ्लैट पर भी छापेमारी की, जहां रॉकी और संजीव तो नहीं मिले लेकिन वहां से एक स्कॉलर फौजिया और अमित आनंद को गिरफ्तार किया गया। फौजिया एक नर्सिंग कॉलेज में लेक्चरर है। जब पुलिस वहां पहुंची तो वहां कई जले हुए कागजों की राख मिली। जिन्हे जब्त करके FSL जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने आयुष के पिता अभिषेक, अभिषेक के पिता अखिलेश और अनुराग यादव की मां रीना कुमारी को भी गिरफ्तार किया है। रीना कुमारी इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु की रिश्तेदार है। इस तरह पटना से कुल 13 गिरफ्तारियां की गईं हैं।
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SIT का हुआ गठन
हालांकि पूरे पेपर लीक का मास्टमाइंड संजीव मुखिया और रॉकी अभी फरार है। इस पूरे मामले की जांच के लिए सिटी एसपी चंद्रप्रकाश के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया है। इसमें 2 डीएसपी, और 4 थानेदार शामिल हैं।