whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

बिहार में कहां-कहां टूटा तटबंध, तबाही की कगार पर 16 जिले, अगले 48 घंटे अहम

Bihar Flood News: बाढ़ के चलते बिहार के 16 जिले प्रभावित हैं। कुल 13 नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। राज्य के पांच लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं तटबंधों के टूटने से खतरा बढ़ गया है।
12:09 PM Sep 30, 2024 IST | Nandlal Sharma
बिहार में कहां कहां टूटा तटबंध  तबाही की कगार पर 16 जिले  अगले 48 घंटे अहम
बिहार के 16 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। 13 नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।

Bihar Flood News: नेपाल में हुई तूफानी बारिश ने बिहार को संकट में धकेल दिया है। कोसी और उसकी सहायक नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। नतीजा ये हुआ है कि राज्य में कई जगहों पर तटबंध टूट गए हैं। तटबंध टूटने से कई इलाकों के गांवों में पानी भर गया है। लोग सड़कों पर रात बिताने को मजबूर हैं।

Advertisement

रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवहर और दरभंगा सहित बिहार के 4 जिलों में 6 जगहों पर कोसी, गंडक और बागमती के तटबंध टूट गए हैं। पश्चिम चंपारण के बगहा में चखनी रजवटिया और अगस्तिया के बीच गंडक का तटबंध 40 फीट में टूट गया। वहीं सीतामढ़ी के बेलसंड और रून्नीसैदपुर तथा शिवहर के तरियानी छपरा में बागमती का तटबंध चार जगहों पर टूट गया है।

Advertisement

बेलसंड में 100 फीट, रून्नीसैदपुर के तिलक ताजपुर और खरहुआ में 10 फीट में तटबंध टूटा है। तटबंधों के टूटने से दर्जनों गांवों में पानी फैल गया है। अस्पताल और सरकारी कार्यालयों में तीन से चार फीट पानी बह रहा है। दरभंगा के किरतपुर में रविवार को देर रात 15 फीट में तटबंध टूट गया। अचानक आई इस आपदा से उत्तर बिहार में हाहाकार की स्थिति है।

Advertisement

ये भी पढ़ेंः नेपाल में भारी बारिश का कहर, 112 की मौत, बिहार के लिए अगले 72 घंटे खतरा, 8 नदियां खतरे के निशान के पार

कोसी का पानी तटबंध के भीतर बसे गांवों में तेजी से फैल रहा है। सुपौल, सहरसा की करीब साढ़े पांच लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। सीतामढ़ी, शिवहर, पश्चिम चंपारण, दरभंगा और मधुबनी में बाढ़ से ज्यादा तबाही मची है।

दरभंगा के किरतपुर में तटबंध टूटा

बिहार के अलग अलग जिलों में दर्जन भर के करीब तटबंधों में या तो रिसाव हो रहा है या फिर तटबंध का हिस्सा टूट गया है। सीतामढ़ी, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर में बागमती और गंडक नदी से सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है।

ये भी पढ़ेंः यूपी-बिहार में अगले 48 घंटे तबाही का खतरा! अफसरों की छुट्टियां रद्द, पूर्वांचल के 45 जिलों में येलो अलर्ट

बिहार में 13 नदियां लाल निशान के ऊपर बह रही हैं। कुल 16 जिलों की करीब 4.10 लाख आबादी पानी से घिर गई है। ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अगले 24 से 48 घंटे में पानी का बहाव और तेज होने की आशंका है।

बिहार के जल संसाधन विभाग के मुताबिक रविवार को कोसी और गंडक के अलावा गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, ललबकिया, परमान और पश्चिम कनकई नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।

तटबंधों के टूटने से खतरा क्यों

कोसी, कमला, गंडक और बागमती का चरित्र है कि बाढ़ का पानी कम होने पर कटाव तेज होता है। उतरता पानी तटबंधों से टकराकर उसे कमजोर कर देता है और गांव के गांव बाढ़ में समा जाते हैं। कोसी में 56 साल बाद जबकि गंडक में 21 साल बाद इतना पानी आया है। कोसी में 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक पानी आया था, जबकि 2024 में रविवार सुबह तक 6.61 लाख क्यूसेक पानी का आंकड़ा पार हो गया है। गंडक नदी में शनिवार की रात 10 बजे तक 5.62 लाख क्यूसेक पानी दर्ज किया गया था।

हालांकि नेपाल में बारिश की रफ्तार कम होने से थोड़ी राहत की उम्मीद बंधी है। बिहार के लिए अगले 48 घंटे काफी अहम हैं, लेकिन प्रभावितों की जिंदगी की रफ्तार थम गई है।

Open in App
Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो