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मजार पर नीतीश की चादरपोशी के मायने क्या? आरजेडी को झटका देने की तैयारी, 1 हफ्ते में 2 जगहों पर टेका मत्था

Nitish Kumar News: मुस्लिम वोट को साधने के लिए नीतीश कुमार की चादरपोशी की तस्वीरें सुर्खियों में हैं। पिछले एक हफ्ते में नीतीश कुमार ने दो मजारों पर खुद जाकर चादरपोशी की है। हालांकि वक्फ बोर्ड विधेयक का ललन सिंह ने लोकसभा में समर्थन किया था।
01:42 PM Sep 23, 2024 IST | Nandlal Sharma
मजार पर नीतीश की चादरपोशी के मायने क्या  आरजेडी को झटका देने की तैयारी  1 हफ्ते में 2 जगहों पर टेका मत्था
नेहरू पथ स्थित दरगाह हजरत शाह जलाल शहीद रहमतुल्लाह अलैह की मजार पर नीतीश कुमार। फोटोः @NitishKumar

Nitish Kumar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के अल्पसंख्यक मतदाताओं को लगातार संदेश दे रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में नीतीश कुमार बिहार में दो मजारों पर पहुंचे हैं और चादरपोशी की है। माना जा रहा है कि नीतीश, अल्पसंख्यक समुदाय को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि भले ही वह बीजेपी के साथ हों, लेकिन उन्हें मजार और दरगाह पर जाने से किसी तरह का परहेज नहीं है।

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ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार अपने इन कार्यों को किसी और के जरिए करवा रहे हों, जैसे कि प्रधानमंत्री मोदी करते हैं। प्रधानमंत्री भी सालाना उर्स के मौके पर अजमेर चादर भिजवाते हैं, उनके प्रतिनिधि चादर लेकर पहुंचते हैं। हालांकि नीमजार पर नीतीश की चादरपोशी के मायने क्या? आरजेडी को झटका देने की तैयारी, 1 हफ्ते में 2 जगहों पर टेका मत्थातीश कुमार खुद पहुंच रहे हैं और चादर चढ़ाने के बाद दुआ में खड़े हो रहे हैं।

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 सितंबर को फुलवारीशरीफ खानकाह मुजीबिया में उर्स के मौके पर चादरपोशी की और उसके बाद 22 सितंबर को नेहरू पथ स्थित दरगाह पर चादरपोशी की। बिहार के मुख्यमंत्री की ये तस्वीरें सोशल मीडिया के माध्यम से भी जारी की जा रही हैं। जाहिर है कि नीतीश अल्पसंख्यक समुदाय को साधने की कोशिश कर रहे हैं।

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वक्फ बोर्ड विधेयक और जेडीयू

केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में पेश किए गए वक्फ बोर्ड विधेयक का जेडीयू ने समर्थन किया था। हालांकि ये बिल जेपीसी को भेज दिया गया है। लेकिन, अल्पसंख्यक समुदाय में इस बिल को लेकर बड़ी चिंताएं हैं। और मुस्लिम समाज लगातार इस बिल के मुद्दे पर मीटिंग और बैठकें कर रहा है। विधेयक के समर्थन में बोलते हुए ललन सिंह ने कहा था कि वक्फ बोर्ड कैसे बना। कोई भी संस्था जो कानून से बंधी हुई है। अगर वह निरंकुश होगी तो उसमें पारदर्शिता लाने के लिए सरकार को कानून बनाने का हक है।

बिहार में मुस्लिम आबादी

बिहार की राजनीति में मुस्लिम आबादी निर्णायक है। बिहार सरकार के जातिगत सर्वे के मुताबिक बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ है, जिसमें 81.99 फीसदी हिंदू और 17.7 फीसदी मुस्लिम हैं। ऐसे में नीतीश कुमार की नजर इस वोट बैंक पर है। बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारी में जेडीयू लगातार बैठकें और मीटिंग कर रही है। संगठन को विस्तार दिया गया है। इस बीच नीतीश कुमार की चादरपोशी सुर्खियों में आ गई है।

आरजेडी का कोर वोटर है मुसलमान

बिहार में आरजेडी का एक आजमाया हुआ MY समीकरण है। नीतीश कुमार की निगाह इसी समीकरण पर है। नीतीश चाहते हैं कि अल्पसंख्यक वोट उनसे दूर न जाए। हालांकि मुस्लिम वोटर को नीतीश से परहेज नहीं रहा है, लेकिन मॉब लिंचिंग, एंटी-मुस्लिम बयानबाजी और वक्फ जैसे मामलों ने नीतीश की चिंता बढ़ा दी है। बीजेपी के साथ होने से नीतीश के प्रति अल्पसंख्यक वोट में संदेह पैदा होना, जेडीयू के लिए ठीक नहीं होगा। जाहिर है कि मजारों पर चादरपोशी नीतीश की एक सोची समझी रणनीति है।

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