नीतीश कुमार को मिला 'भतीजे' का साथ, जानें बिहार चुनाव 2025 में क्या पड़ेगा असर?
Bihar Assembly Election 2025 : बिहार में कभी चाचा-भतीजे की फेसम जोड़ी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच अब खटास आ गई है। नीतीश के सियासी कुनबे में नए भतीजे की एंट्री हो गई और तेजस्वी यादव देखते ही रह गए। पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू का विरोध करने वाले चिराग पासवास का अब नीतीश कुमार से मधुर संबंध हो गया। लोकसभा चुनाव के बाद अब अगले विधानसभा चुनाव में दोनों साथ नजर आएंगे। आईए जानते हैं कि बिहार का क्या है नया राजनीतिक समीकरण?
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) अध्यक्ष चिराग पासवास और सीएम नीतीश कुमार के संबंधों में सुधार होने लगा था। दोनों के बीच मुलाकात भी हुई थी। चिराग पासवान ने नीतीश के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को अपनी पार्टी से उम्मीदवार बनाया था। केंद्र में मंत्री बनने के बाद भी दोनों के बीच मुलाकात का सिलसिला जारी है।
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नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे भतीजे
चिराग पासवान और नीतीश कुमार की बढ़ती मुलाकात को देखकर ऐसा लग रहा है कि 2020 में दोनों के बीच खटास की जमी बर्फ अब पिघलने लगी है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। पिछले दिनों उन्होंने साफ-साफ कह दिया था कि एनडीए नीतीश कुमार की अगुवाई में ही विधानसभा चुनाव लड़ेगा। साथ ही बिहार भाजपा ने इस बात का ऐलान कर दिया है। नए भतीजे चिराग पासवान के साथ आने से नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव में लाभ मिला था। अब देखना है कि इसका असर अगले साल के विधानसभा चुनाव पर क्या पड़ेगा?
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जानें कब नीतीश-चिराग हुए थे दूर?
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसका नतीजा यह हुआ कि जेडीयू को कई सीटों पर झटका लगा और यह तीसरे नंबर का दल बन गया। चिराग को भी इसका नुकसान उठाना पड़ा। उनकी पार्टी लोजपा टूट गई और चारों सांसद चाचा पशुपति कुमार पारस के पाले में चले गए। उन्हें एनडीए से भी बाहर कर दिया गया था। चिराग एकदम अकेले पड़ गए थे।