'किसी ने समस्तीपुर के नाम बदलने की मांग तो किसी ने भारत रत्न की', MP शांभवी चौधरी के किस बयान पर भड़का विपक्ष
Opposition Attacks Shambhavi Chaudhary : बिहार के समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने समस्तीपुर को लेकर बड़ा दिया। सांसद ने कहा कि जब उन्होंने संसद में समस्तीपुर का मुद्दा उठाया तो तब जाकर लोगों को पता चला है कि समस्तीपुर कहां है? उनके इस बयान को लेकर विपक्ष ने जमकर निशाना साधा। किसी ने शांभवी चौधरी को भारत रत्न देने की बात कही तो किसी ने समस्तीपुर के नाम बदलने की मांग की। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?
सांसद ने क्या दिया बयान?
शांभवी चौधरी बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं। इस बार वह चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) के टिकट पर समस्तीपुर की सांसद बनीं। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र को कहा कि उसने जब संसद में समस्तीपुर के बारे में कहा, तब के बाद से लोग समस्तीपुर के बारे में जानने लगे। इससे पहले लोगों का पता नहीं था कि बिहार के मैप में समस्तीपुर कहां है?
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शांभवी चौधरी ने जनता का अपमान किया : राजद
राजद के प्रदेश प्रवक्ता ने शांभवी चौधरी के बयान पर कहा कि बिहार के लोगों को पता है कि समस्तीपुर साल 1972 में जिला बना था। कर्पूरी ठाकुर की धरती के रूप में समस्तीपुर को जाना जाता है। सांसद ने ऐसा बयान देकर वहां की जनता का अपमान किया। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञान रंजन ने तंज कसते हुए कहा कि शांभवी चौधरी को राजनीति का बेसिक भी पता नहीं है। भगवान की कृपा है कि नेता की बेटी हैं। उन्हें यह भी जानकारी नहीं होगी कि पटना में चिड़ियाघर है।
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जनता सजा जरूर देगी : धीरेंद्र झा
माले पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेंद्र झा ने समस्तीपुर की खोज के लिए सांसद को भारत रत्न देने की मांग की। साथ ही समस्तीपुर का नाम बदलकर शांभवीपुर रख देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनडीए ने मिथिलांचल से ऐसे नेता को प्रमोट किया, जिन्हें समाज, इतिहास और राजनीति आंदोलन के बारे में पता नहीं है। जिन्हें यह पता नहीं कि भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर समस्तीपुर से सांसद बने थे तो उन्हें यह भी जानकारी नहीं होगी कि बलिराम भगत कॉलेज के संस्थापक कौन हैं? जनता ऐसे सांसद को सजा जरूर देगी। उनके पिता सजा के असली हकदार हैं, जिन्होंने एक नॉन पॉलिटिकल संतान को टिकट दिलाकर सांसद बना दिया।