भूखी रही, बारिश में भीगी, सिवान की माला के परिजनों की हुई मौत, सरकार ने दामन थामा तो मिला रोजगार और पक्का घर
Bihar SJY Didi Interventions Mala Devi details in hindi: बिहार के सिवान की माला देवी की कहानी किसी फिल्म की स्टोरी से कम नहीं है। 1997 में उनकी शादी जामो गांव निवासी सीताराम से हुई थी। उनके ससुर परिवार के मुखिया थे और मजदूरी और खेती कर घर चलाते थे। सीताराम पिता का हाथ बंटाते थे। सब कुछ ठीक चल रहा था, अचानक उनके ससुर की तबीयत खराब हो गई। कई जगह इलाज करवाया लेकिन वह नहीं बच सके। पिता की मौत के बाद सीताराम खेत पर तो जाते लेकिन उन्हें शराब की लत लग गई।
ससुर की मौत होने के बाद खाने तक के लाले
धीरे-धीरे सीताराम ने काम पर जाना छोड़ दिया और शराब पीने से उनकी भी तबीयत खराब हो गई। अब माला पर पति और 3 छोटे बच्चों की जिम्मेदारी आ गई। घर पर खाने तक के लाले हो गए। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, कई दिन ऐसे आए कि माला और छोटे बच्चों को भूखा ही सोना पड़ा। किसी तरह मजूदरी कर माला दिनभर में 50 रुपये कमाती तो वह पति के दवा में खत्म हो जाते। परिजनों को एक समय का खाना भी नहीं मिल रहा था। इस बीच ग्राम पंचायत और सीएम गीता देवी माला से मिलीं और उन्हें सरकार की दीदी समूह के बारे में बताया।
बिहार सरकार की जीविको पर्जन योजना का मिला लाभ
2018 में माला लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह से जुड़ गईं। माला ने जून 2019 में बिहार सरकार की जीविको पर्जन योजना में आवेदन किया। ग्राम संगठन के लोगों ने माला का योजना के लिए चयन किया। ग्राम संगठन में माला देवी के लिए फास्टफूड के दुकान खुलवाई। इससे पहले माला देवी को इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया।
सरकारी योजना से माला को मिला रोजगार
सरकारी योजना के तहत माला देवी को मार्च 2021 में LIF की राशि से 20000 रुपये खरीदारी कर संपत्ति के रूप में दिया गया। इसके अलावा ग्राम संगठन के माध्यम से विशेष निवेश निधि के रूप में माला को 10000 रुपये दिए गए। जिससे माला रोजाना 1600 रुपये तक कमाने लगी। सीता राम का इलाज करवाया गया। माला का घर कच्चा था, बारिश का पानी घर में भर जाता था।
बिहार सरकार के इंद्रा आवास योजना का लाभ मिला
MRP मनीषा कुमारी और BRP संजय कुमार ने माला देवी का समय-समय पर उत्साह वर्धन किया। आमदनी होने लगा तो माला ने गांव में ही कॉस्मेटिक की दुकान और चाउमीन का ठेला और कपड़ों की दुकान शुरू की। इसके लिए उन्हें सरकार की MP हीरा जीविका महिला ग्राम संगठन के अनुमोदन पर 18000 रुपये दिए गए। इस सब के अलावा माला को बिहार सरकार के इंद्रा आवास योजना का भी लाभ दिया गया। अब माला की कुल संपत्ति 176192 लाख है और हर महीने वह 16134 हजार रुपये की बचत कर रही हैं। उनके बैंक खाते में बचत के 49900 रुपये जमा हैं। उनके पति भी अब उनके काम में मदद करते हैं, उनके तीनों लड़कों स्कूल में 10वी,8वीं और छठी कक्षा में पढ़ रहे हैं।