चुनाव की तैयारी, दांव पर सियासी जमीन; तेजस्वी की बिहार यात्रा के क्या हैं मायने?
Tejashwi Yadav Bihar Yatra: लोकसभा चुनाव में बढ़े वोट शेयर के बावजूद तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का प्रदर्शन फीका रहा। आरजेडी सिर्फ चार सीटें जीत पाई। इंडिया ब्लॉक के हिस्से में 9 सीटें आईं। इस बीच तेजस्वी यादव के सामने एक नई चुनौती आ खड़ी हुई है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपने संगठन जनसुराज के राजनीति में प्रवेश का ऐलान किया है। अक्टूबर में इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी। इससे पहले तेजस्वी यादव ने 15 अगस्त के बाद से बिहार की यात्रा पर निकलने का ऐलान कर दिया है।
तेजस्वी यादव कई चरणों में यात्रा करेंगे ताकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मोमेंटम बना रहे। अपनी इस यात्रा में तेजस्वी बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग, राज्य में बढ़े हुए आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालने की मांग और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर नीतीश कुमार की सरकार को घेरेंगे।
After more than two-years of Padyatra through thousands of villages and small towns of Bihar, we formally started the process of party formation to give a better alternative that would end decades of misery and ensure a better future for the children of #Bihar
Yesterday, the… pic.twitter.com/UREEPLyBtH
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) July 29, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से 65 प्रतिशत करने का आदेश रद्द कर दिया था।
'नए खिलाड़ी को सियासी लाभ से रोकना'
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यात्रा का मुख्य मकसद राज्य की राजनीति में एक नए खिलाड़ी को सियासी लाभ लेने से रोकना है। प्रशांत किशोर जब अक्टूबर में अपनी पार्टी लॉन्च करेंगे। उस समय तेजस्वी यादव नौकरियों के वादे के साथ जनता के बीच रहेंगे। आरजेडी नेताओं का मानना है कि लोकसभा चुनाव में जिस तरीके से जनता का रेस्पांस मिला है। वह विधानसभा चुनाव के दौरान भी जारी रहेगा।
तेजस्वी पर सीधा हमला बोलते हैं पीके
प्रशांत किशोर के मुद्दे पर आरजेडी नेताओं का कहना है कि वह 2 साल से जमीन पर काम कर रहे हैं। हमारे पास कहने के लिए कुछ नहीं है। आरजेडी अपने कोर एजेंडे पर फोकस करेगी। युवाओं के लिए नौकरी और बिहार के विकास से जुड़े मुद्दे। दूसरी ओर प्रशांत किशोर लगातार तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हैं। अपनी यात्रा में प्रशांत किशोर ने तेजस्वी की शिक्षा पर लगातार सवाल खड़े किए हैं। जनसुराज नेता का कहना है कि एक नौवीं पास राज्य का मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहा है, जबकि बिहार के एमए-बीए पास युवाओं को चपरासी की भी नौकरी नहीं मिल रही है।
लोकसभा चुनाव में बढ़ा आरजेडी का ग्राफ
लोकसभा चुनाव में आरजेडी को सभी पार्टियों के मुकाबले ज्यादा वोट शेयर मिला है। 22.14 प्रतिशत वोट शेयर के साथ आरजेडी सबसे आगे है। लेकिन उसके हिस्से में सिर्फ 4 सीटें ही आई हैं। बीजेपी को 20.5 प्रतिशत और जेडीयू को 18.52 प्रतिशत वोट मिला है। बड़ी बात ये है कि आरजेडी के वोट शेयर में 2019 के मुकाबले 6 प्रतिशत का उछाल आया है।
बीजेपी ने तेजस्वी की यात्रा को सेल्फ प्रमोशन कहा है। लोकसभा चुनाव नतीजों के आधार पर पार्टी ने कहा है कि वह 243 सीटों में 174 विधानसभा सीटों पर आगे है। तेजस्वी का ग्राफ गिर रहा है। उनकी यात्रा सेल्फ प्रमोशन के सिवा कुछ नहीं है।