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न्यूजपेपर बेचने वाला बिना UPSC क्लियर किए कैसे बना IAS ऑफिसर?

Success story: बी अब्दुल नासर बिना UPSC क्लियर किए IAS ऑफिसर बन गए। बी अब्दुल नासर ने न्यूजपेपर बेचने, ट्यूशन पढ़ाने और फोन ऑपरेटर का काम किया, ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें। आइए इनके बारे में जानते हैं।
08:35 PM Dec 06, 2024 IST | Ankita Pandey
न्यूजपेपर बेचने वाला बिना upsc क्लियर किए कैसे बना ias ऑफिसर

Success story: भारत में  सिविल सर्विसेज की परीक्षा सबसे कठिन मानी जाती है। ऐसे में जो लोग इस परीक्षा को क्लियर करते हैं, वे कभी-कभी कई सालों तक बहुत मेहनत करते हैं। जहां कुछ बच्चे इसके लिए कोचिंग करते हैं और मोटी फीस लेते हैं, मगर फिर भी उनका सपना पूरा नहीं हो पाता। हालांकि कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं,जो बिना किसी कोचिंग के इन परीक्षाओं को पास कर लेते हैं। आज हम आपको एक ऐसा IAS के बारे में बताएंगे, जो बिना UPSC की परीक्षा दिए IAS अधिकारी बने हैं। हम बी अब्दुल नासर की बात कर रहे हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।

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नहीं क्लीयर की UPSC की परीक्षा

आपको बता दें कि IAS बी अब्दुल नासर UPSC परीक्षा में पास नहीं हुए थे, लेकिन फिर भी IAS अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करने में सफल रहे। अब सबसे पहला सवाल यह है कि उन्होंने यह कैसे किया? नासर केरल के कन्नूर जिले के थलासेरी से हैं। उन्होंने बचपन से ही अपना जीवन अनाथालय में बिताया क्योंकि केवल 5 साल की उम्र में ही उनकी पिता की मृत्यु हो गई थी। हालांकि, उनकी मां परिवार का भरण-पोषण करने के लिए हाउस हेल्प  के तौर में काम करती थीं।

इस कठिनाइयों के बीच भी नासर ने अनाथालय में 13 साल की उम्र बिताई और अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए  उन्होंने 10 वर्ष की उम्र में एक क्लीनर और एक होटल सप्लायर के रूप में काम किया। बता दें कि इसके अलावा उन्होंने अखबार बांटने का भी काम किया। हालांकि इस बीच उन्होंने कभी अपनी पढ़ाई को प्रभावित नहीं होने दिया और थालास्सेरी सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके अलावा भी बी अब्दुल नासर ने ट्यूशन पढ़ाने और फोन ऑपरेटर के रूप में काम किया, ताकि अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।

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कैसे बने IAS?

1994 में, नासर ने अपना पोस्ट ग्रेजुएशन क्लियर करके  केरल हेल्थ डिपार्टमेंट में एक सरकारी कर्मचारी के रूप में अपना करियर शुरू किया।  इसके बाद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से लगातार प्रमोशन हासिल की और बेहतर पोस्ट पर नियुक्त किए जाने लगे। आखिर 2006 में उन्हें राज्य सिविल सेवा में डिप्टी कलेक्टर का पद दिया गया। इस पद पर काम करते हुए उन्हें 2015 में नासर को केरल के टॉप डिप्टी कलेक्टर के रूप में मान्यता मिली, जिसके कारण 2017 में उन्हें IAS अधिकारी के पद पर प्रमोट किया गया। 2019 में कोल्लम के जिला कलेक्टर की भूमिका संभालने से पहले उन्होंने केरल सरकार में आवास आयुक्त के रूप में कार्य किया था।

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